Categories: National

प्रधानमंत्री के ट्वीट पर आड़े हाथों लिया रविश कुमार ने। केवल 1% यात्री कर पाये है वाई फाई सुविधा का उपयोग।

आदिल अहमद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने जानकारी दी है कि देश के 700 स्टेशनों पर एक महीने में 80 लाख लोगों को वाई फाई की सुविधा दी जा रही है. जिसके बाद निष्पक्ष पत्रकार के रूप में मशहूर रवीश कुमार ने मोदी जी के आंकड़ों को आड़े हाथों ले लिया। इन आंकड़ों के हिसाब से केवल एक प्रतिशत यात्री वाई फाई की सुविधा इस्तिमाल करते है। रविश ने कहा है यह संख्या तो कुछ है ही नहीं. देश में हर महीने करोड़ों लोग मतलब 69 करोड़ यात्री हर महीने ट्रेन से सफ़र करते हैं. इन आंकड़ों के प्रतिशत की बात करें तो सिर्फ 1 % ही लोग अभी wifi यूज कर पा रहे हैं. आगे पढ़िए रवीश कुमार की पूरी पोस्ट-

22 जून को इकनोमिक टाइम्स में ख़बर छपती है और उसे 23 जून को प्रधानमंत्री मोदी ट्विट करते हैं कि देश के 700 स्टेशनों पर एक महीने में 80 लाख लोगों को वाई फाई की सुविधा दी जा रही है। अंग्रेज़ी में इस संख्या को 8 million लिखा है जिसे पहली नज़र में देखते ही लगेगा कि बड़ी भारी कामयाबी है। एक महीने में 80 लाख लोगों को वाई फाई सुविधा की पेशकश

देश में करीब 7000 स्टेशन हैं, इनमें से चार साल बाद सरकार बताती है कि 700 स्टेशन पर 80 लाख लोगों को वाई फाई सुविधा मिल रही है। इस लिहाज़ से ये बड़ी कामयाबी है या छोटी, बेहतर है आप अपनी आंखों का कुछ इस्तमाल करें।

अब अगर आप यात्रियों के हिसाब से देखें तो यह कामयाबी कुछ भी नहीं है। हर दिन दो करोड़ तीस लाख यात्री रेल से सफ़र करते हैं। इस हिसाब से महीने में करीब 69 करोड़ यात्री सफर करते हैं। 69 करोड़ यात्रियों में से आप एक महीने में मात्र 80 लाख यात्रियों को मुफ्त वाई फाई की सुविधा दे रहे हैं तो कौन सा बड़ा तीर मार लिया आपने। ये तो एक प्रतिशत के आस पास ही है। भारतीय रेल के करोड़ों यात्रियों में से एक प्रतिशत को मुफ्त वाई फाई की सुविधा देने की खबर को प्रधानमंत्री ट्विट कर रहे हैं।

अब फिर से स्टेशन के हिसाब से देखते हैं। 700 स्टेशनों में मुंबई, हावड़ा और दिल्ली के स्टेशन तो आने ही चाहिए। हावड़ा स्टेशन पर नौ लाख यात्री प्रतिदिन आते जाते हैं। इस हिसाब से महीने में 2 करोड़ 70 लाख यात्री हुए। नई दिल्ली स्टेशन पर प्रतिदिन आने जाने वाले यात्रियों की संख्या करीब 5 लाख बताई जाती है। इस हिसाब से महीने में डेढ़ करोड़ यात्री हुए। मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस पर हर दिन औसतन 20 लाख से यात्रियों की आवाजाही होती है। इस हिसाब से महीने में यात्रियों की संख्या 6 करोड़ से अधिक होती है।

सिर्फ मुंबई, कोलकाता, दिल्ली के स्टेशनों पर एक महीने में आने जाने वाले यात्रियों की कुल संख्या जोड़ ले तो यह 10 करोड़ से ज्यादा होती है। क्या 10 करोड़ यात्रियों के बीच 80 लाख यात्रियों को फ्री वाई फाई की सुविधा देने का इंतज़ाम कोई बहुत बड़ी उपलब्धि है? मेरे हिसाब से कुछ भी नहीं है।

मगर सरकार आंकड़ों की बाज़ीगरी में एक्सपर्ट हो गई है। इतनी बाज़ीगरी होती है कि सामान्य दिमाग़ के लिए न तो इसे पकड़ना मुमकिन है और न ही वक्त है। कमाल ये है कि प्रधानमंत्री ट्विट कर सामने से बता रहे हैं कि चार साल के डिजिटल इंडिया के यही रिज़ल्ट है कि हम एक प्रतिशत यात्रियों को ही मुफ्त वाई फाई दे पा रहे हैं मगर हमें दिखाई दे रहा है कि बड़ा भारी तीर मार लिया गया है।

आप भी अपनी तरफ से रिसर्च कीजिए। हमारे हिसाब में कमी हो तो बताइये मगर जो लिखा है उसी पर बात कीजिए

Adil Ahmad

Recent Posts

मछोदरी चौकी इंचार्ज का ‘कातिल मंझे’ पर व़ार, प्रतिबंधित मंझे संग एक को किया गिरफ्तार

शफी उस्मानी वाराणसी: चाइनीज़ मंझे के खिलाफ चल रहे अभियान और इस कातिल मंझे पर…

18 hours ago

कुम्भ मेला: 50 लाख श्रद्धालुओ ने लगाया आस्था की डुबकी, देखे कुम्भ की तस्वीरे

रेहान सिद्दीकी प्रयागराज: प्रयागराज में आज से कुम्भ मेले की शुरुआत हो चुकी है। कुम्भ…

1 day ago

जर्मनी के अधिकारियों ने कहा ‘रूस का ‘शैडो फ़्लीट’ हमारे जलक्षेत्र में फंसा हुआ है’

फारुख हुसैन डेस्क: जर्मनी के अधिकारियों ने कहा है कि एक तेल टैंकर जर्मनी के…

2 days ago

झारखण्ड के धनबाद में एक निजी स्कूल की प्रिंसिपल पर छात्राओं की शर्ट उतरवाने के आरोप पर जिला प्रशासन ने दिया जाँच के आदेश

तारिक खान डेस्क: झारखंड के धनबाद में एक निजी स्कूल में प्रिंसिपल के आदेश के…

2 days ago