अज़ीम कुरैशी.
नूरपुर. कभी कभार इन्सान की लापरवाही कितनी घातक हो सकती है इसका अंदाज़ा इन्सान नहीं लगा पाता है. ऐसी ही लापरवाही का शिकार दो बच्चे हो गए जिससे वह अपने पिता से बिछड़ गये वह तो भला हो नूरपुर पुलिस का जो उसने बच्चो को संभाले रखा
घटना के सम्बन्ध में प्राप्त समाचारों के अनुसार कल बस स्टैंड पर दो बच्चे रोते हुवे मिले थे राहगीरों की मिली सूचना पर मौके पर पहुंचे पुलिस ने बच्चों से पूछताछ की बच्चों ने बताया कि उनके पिता वीरेंद्र सिंह बस में बिठा कर थोड़ी देर कहकर आने को चले गए बस चली गई और पिता नहीं लौटे बस कंडक्टर ने बच्चों को रोडवेज अड्डे पर ही उतार दिया
बस मुरादाबाद से हरिद्वार जा रही थी बच्चे और उनके पिता मुरादाबाद से हरिद्वार के लिए सवार हुए थे कुछ देर बाद पिता वापस लौटा दो बस जा चुकी थी उसने सोचा कि बच्चे बस में ही बैठ गए वह दूसरी बस से हरिद्वार चला गया और बच्चे नूरपुर बस स्टैंड पर ही छूट गए हरिद्वार पहुंचने पर पता चला कि बच्चे नूरपुर बस स्टैंड पर ही छूट गए पिता बिरेंद्र वापस नूरपुर आया पता चला कि बच्चे थाने में है वह दौड़ा दौड़ा थाने पहुंचा और देखा कि बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है हालांकि नूरपुर थाना पुलिस ने बच्चों को खाना खिलाया और ढाढस बंधाया. पिता को पाकर बच्चे रोने लगे पिता अपने बच्चों को लेकर और थाना पुलिस का शुक्र अदा करके अपने साथ हरिद्वार ले गया
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