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पलिया (खीरी) – कप्तान साहब ये खनन वैध है क्या ?, क्यों नहीं है खनन माफियाओ को प्रशासन का डर

समर रुदौलवी

पलिया कलां (खीरी) // जहां एक और सरकार द्वारा अवैध खनन पर शिकजां कसा जा रहा है वहीं दूसरी ओर पुलिस की अनदेखी और प्रशासन की लापरवाही के चलते इलाके में बालू का अवैध खनन जोरों पर चल रहा है फिर भी एक पहलू से देखा जाये तो यह खनन माफियां के हौसले भी कुछ ज्यादा ही बढते दिखाई देने लगे हैं जिसके चलते अब तो आपको वह लोग खुलेआम सड़कों पर बालू से भरी अपनी ट्रालियां दौड़ाते दिखाई दे रहें हैं और उनका हौसला केवल प्रशासन की लापरवाही के चलते नहीं बढ़ रहा है बल्कि उनका यह हौसला है.

 राजनीतिक पहलओं पर जाकर टिक गया है जिनका संरक्षण इनको प्राप्त हो रहा है और यही वजह है कि अब उन्हें ना तो पुलिस का डर है और ना ही प्रशासनिक कार्यवाही का। फिलहाल यहां जो अवैध खनन की गर बात हो रही है तो इसमें आपको बता दें कि इसमें एक बड़ा गड़बड़ घोटाला चल रहा है, दरअसल पलिया कलां इलाके में बीते दिनों कैराना में बालू खनन का पट्टा किया गया था जिससे आमजन को कुछ राहत महसूस हो सके परंतु उन्होनें इसका गलत फायदा उठाया और उन्होंने यहां के बजाय शारदा नदी से अवैध खनन शुरू कर दिया है और अब लगभग रोजाना अस्सी से सौ ट्रालियों से भी अधिक बालू सप्लाई कर रहे हैं जो कि सोचनीय हैं और अगर नियम की बात की जाये तो  नियम है कि हर दिन केवल नदियों से 50 ट्राली ही निकाली जा सकती है ।

आपकों जानकारी के लिये यह भी बता दें कि वर्षा श्रतु का सीजन आने वाला ही है और यह सब जानकर ही वह हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी खनन कर इतनी बालू निकालकर भेज लेना चाहते हैं ताकि वह एक मोटी रकम पैदा कर सके और यही वजह है कि वह नियमों को ताक पर रखकर अवैध बालू खनन लगातार करने में जुटे हुये है। इतना ही नहीं जो ट्राली बालू भरकर निकालती है वह पूर्ण रूप से ढकी नहीं होती हैं हवा चलते ही स्थिति में बालू वहां से गुजरने वाले वाहन चालकों की आंखों में घुसकर एक बड़े हादसे को भी जन्म दे रही है परंतु ना तो इस अवैध खनन को रोकने वाला कोई नजर नहीं आता है । जिससे धंधेबाजों के हौसले बुलंदियों पर ही नजर आने लगे हैं लेकिन सूत्रों की माने तो सात घाट के चलते बालू खनन ठेकेदार पर पुलिस मेहरबान है कस्बे में भी बालू का हो रहा अवैध कारोबार लोगों की चर्चाओं का विषय बना हुआ है. प्रशासनिक अधिकारी से लेकर पुलिस पर भी इस ट्रालियों के चलते तमाम अहम सवाल खड़े हो रहे हैं जहां आम जनता को घर बनाने के लिए बालू नहीं मिल मिल रही है वहीं पर पुलिस ठेकेदारों पर मेहरबान दिखाई दे रही है ।

एक और सवाल पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा रही है कि पहले तो रात में चुपके से ही बालू की ट्रालियां सड़को पर दौड़ती थी और जब खनन के पट्टे की बात करें तो सभी को मालूम है कि यह खनन का पट्टा कहां किया गया है और जब इतनी सबकुछ जानकारी होने के बावजूद धंधेबाजों की इस कारगुजारी पर अपनी आखों पर पर्दा डाल लेना ही अहम सवाल ही खड़ा कर रहा है कि यह सब क्यों है? आपको जानकारी के लियें यह भी बता दें कि जिस नदी  पर खनन किया जा रहा है वह कोई छोटी मोटी नदी नहीं बल्कि चर्चित नदी शारदा नदी है जिसको अब अवैध खनन के लिये इस्तेमाल किया जा रहा है।

आखिर क्यों नहीं हो रही खनन माफियों और धंधंबाजों पर कोई कार्यवाही

इधर जिस तरह से हर एक समाचार पत्रों में शोसल मीडिया पर अवैध खनन की खबरें लगातार दिखाई दे रहीं हैं जिससे की यह एक बड़ा घोटाला रूक जाये परंतु फिर भी धंधेबाजों और खनन माफियाओं पर कोई कार्यवाही न होना शासन और प्रशासन पर सवालिया निशान उभर रहें हैं फिलहाल देखना यह है कि इन पर क्या कार्यवाही होती है ।

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