गाजियाबाद / लोनी शामली यूपी की कैराना लोकसभा सीट से दिवंगत सांसद मुनव्वर हसन की पत्नी तबस्सुम हसन ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। वह आरएलडी के चुनाव चिह्न पर सपा ,बसपा ,कांग्रेस ,आरएलडी ,आप की साझा उम्मीदवार थीं। उन्होंने बीजेपी सांसद व मंत्री रहे स्वर्गीय हुकुम सिंह की बेटी और बीजेपी प्रत्याशी मृगांका सिंह को करीब 45 हजार वोटों से हराकर भाजपा को करारी शिकस्त दी। माना जा रहा है कि अब वह यूपी के लोकसभा चुनाव 2019 में मुस्लिम प्रतिनिधित्व का एकमात्र बड़ा चेहरा होंगी।कैराना सीट जीतने के लिये भाजपा ने एडी चोटी का जोर लगा दिया था।क्योंकि इसी सीट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक जनसभा व मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने दो जनसभा की थी और भाजपा के दिग्गज नेता व कार्यकर्ता पहले से ही गांव में डेरा डाले पड़े रहे।
बावजूद इसके तबस्सुम हसन ने भाजपा प्रत्याशी को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर लोकसभा चुनाव 2019 में मोदी के जादू को चुनोती दे दी है। साथ ही तबस्सुम हसन ने कहा कि झूठी व जुमलेबाजी सरकार को जनता समझ चुकी है , लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तर प्रदेश में 3 सीट से ज्यादा मिलने वाली नही है। उन्होंने जीत का श्रेय सर्वप्रथम क्षेत्र की जनता को व दूसरे सभी गठबंधन पार्टियों के छोटे बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं को दिया जिन्होंने कड़ी धूप में प्रचार किया। ज्ञात रहे कि तबस्सुम हसन कैराना से ही सांसद रह चुके अख्तर हसन की बहु और मुन्नवर हसन की पत्नी हैं। हसन परिवार कैराना की राजनीति का काफी पुराना खिलाड़ी रहा है। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 के चुनावों में सहानुभूति की लहर पर चढ़कर चौधरी अख्तर हसन ने बड़ी जीत दर्ज की। इससे पहले सिर्फ 1971 में ही कांग्रेस यहां से जीत सकी थी। 1996 के चुनावों में अख्तर के बेटे मुनव्वर हसन ने सपा के टिकट पर यहां से जीत दर्ज की लेकिन दो ही साल बाद बीजेपी ने इस सीट पर खाता खोला और वीरेंद्र वर्मा ने मुन्नवर हसन को हरा दिया। इसके बाद ये सीट लगातार दो बार आरएलडी के खाते में रही। 2009 के लोकसभा चुनाव में मुन्नवर की पत्नी तबस्सुम ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और लोकसभा पहुंची। ये सिलसिला यहीं ख़त्म नहीं होता तबस्सुम और मुन्नवर के बेटे नाहिद हसन ने भी 2014 में हुकुम सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन 2 लाख से ज्यादा वोटों से हार गए। असल में ये हार परिवार की फूट का नतीजा थी। तब नाहिद हसन एसपी के टिकट पर और उनके चाचा कंवर हसन बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन दोनों को पराजय का सामना करना पड़ा था. नाहिद दूसरे जबकि चाचा कंवर तीसरे नंबर पर रहे थे। हालांकि 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में नाहिद ने कैराना सीट पर हुकुम सिंह की बेटी मृगांका को 21 हज़ार से ज्यादा वोटों से हराकर बदला चुका दिया था। अब तबस्सुम ने भी मृगांका को हराकर कैराना सीट से सांसद बन गई हैं।
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