पश्चिमी देश किसी प्रकार के प्रमाण के बिना दमिश्क सरकार पर रासायनिक हथियारों के प्रयोग का आरोप मढ़ते हैं और उसे अपनी कार्यसूची में शामिल करते हैं। रूस के एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा है कि पश्चिमी देश, रासायनिक हथियार अप्रसार संगठन का प्रयोग दूसरे देशों के विरुद्ध एक हथकंडे के रूप में कर रहे हैं।
रूसी अधिकारी इगोर केरीलोफ़ ने कहा कि ग़ैर वास्तविक जांच, अपुष्ट स्रोतों से सूचनाओं को एकत्रित करना, फिर उनका विश्लेषण और सीरिया में विशेषज्ञों को उस स्थान पर न भेजना जहां रासायनिक हथियारों के प्रयोग का दावा किया गया था यह सब रासायनिक हथियारों के अप्रसार कन्वेन्शन से सीधा विरोधाभास रखता है।
यह बयान उस स्थिति में सामने आ रहा है जब अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और उनके घटक सीरिया पर रासायनिक हथियारों के प्रयोग का आरोप मढ़कर विश्व जनमत को दिग्भ्रमित करने की चेष्टा में हैं और रोचक बात यह है कि जब सीरिया में जिस हमले व कार्यवाही में सशस्त्र व्यक्तियों और आतंकवादियों की भूमिका होती है तो पश्चिमी देश मौन धारण किये रहते हैं और किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दिखाते हैं।
उदाहरण के तौर पर जब आतंकवादी दाइश ने इराक के मौसिल नगर में रासायनिक हथियारों का प्रयोग किया तो इन देशों ने चुप्पी साध ली और विशेषज्ञों को भी घटना स्थल पर नहीं भेजा और आतंकवादियों की भर्त्सना में विज्ञप्ति भी नहीं जारी की।
इसी प्रकार रासायनिक हथियारों के प्रयोग के संबंध में रूस और इराक की ओर से जब कोई शिकायत की जाती है तो रासायनिक हथियार अप्रसार संगठन और पश्चिमी देश उस पर ध्यान ही नहीं देते हैं परंतु जब सीरिया की बात आती है तो यही पश्चिमी देश किसी प्रकार के प्रमाण के बिना दमिश्क सरकार पर रासायनिक हथियारों के प्रयोग का आरोप मढ़ते हैं और उसे अपनी कार्यसूची में शामिल करते हैं।
बहरहाल अमेरिका और पश्चिमी देशों ने किसी प्रकार के प्रमाण के बिना सीरिया पर जो रासायनिक हथियारों के प्रयोग का आरोप लगाया और उसके बाद सीरिया पर मिसाइलों से हमला किया उनका यह कार्य अंतरराष्ट्रीय कानूनों का खुला उल्लंघन है।
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