सऊदी अरब के पश्चिम में स्थित ताएफ़ नगर में राष्ट्रीय गार्ड के केन्द्र पर फायरिंग
आफताब फारुकी, आदिल अहमद
पिछले महीने भी रियाज़ सहित सऊदी अरब के कुछ बड़े शहरों में कुछ हिंसात्मक घटनायें हुई थीं जिन्होंने सुरक्षा स्थापित करने में आले सऊद की अक्षमता को दर्शा दिया।
सऊदी अरब से प्राप्त समाचार इस बात के सूचक हैं कि इस देश के पश्चिम में स्थित ताएफ़ नगर में राष्ट्रीय गार्ड के केन्द्र पर फायरिंग हुई है।
कुछ रिपोर्टों के अनुसार दो सशस्त्र व्यक्तियों ने सबसे पहले सऊदी अरब के एक सुरक्षा कर्मी पर हमला किया जिसके बाद वे “सित्तीन” नामक रोड पर स्थित राष्ट्रीय गार्ड के केन्द्र में घुस गये।
पिछले महीने भी रियाज़ सहित सऊदी अरब के कुछ बड़े शहरों में कुछ हिंसात्मक घटनायें हुई थीं जिन्होंने सुरक्षा स्थापित करने में आले सऊद की अक्षमता को दर्शा दिया।
सऊदी अरब की सरकार ने एक ओर वस्तुओं के मूल्यों में वृद्धि करके और उस पर भारी टैक्स लगाकर इस देश के लोगों पर आर्थिक दबाव में वृद्धि कर दी है तो दूसरी ओर सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान ने कुछ सऊदी राजकुमारों को गिरफ्तार करके बंद करा दिया है जिससे शाही परिवार में प्रतिशोध की ज्वाला भड़क उठी है।
पिछले अप्रैल महीने में रियाज़ में सुरक्षा बलों और अज्ञात व्यक्तियों के बीच कई घंटों तक फायरिंग हुई थी। समाचार पत्र रायुल यौम ने इस संबंध में लिखा था कि इस फायरिंग का कारण शाही परिवार के बीच मतभेद था।
इस फायरिंग के लगभग एक महीने बाद तक सऊदी युवराज मोहम्मद बिन सलमान सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आये और यह विचार प्रबल हो गया कि वह भी इस फायरिंग में घायल हो गये हैं।
सूचना देने में सऊदी अरब का ग़ैर पारदर्शी रवइया इस संबंध में अफवाहों के अधिक होने का कारण बना परंतु रोचक बिन्दु इस देश में इस प्रकार की परिस्थिति में सुरक्षा की संदिग्ध घटनाओं की पुनरावृत्ति और सुरक्षा स्थापित करने में आले सऊद की अक्षमता का सामने आ जाना है।
यह विषय सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में आले सऊद की अक्षमता का सूचक है। बहरहाल सऊदी अरब में होने वाले परिवर्तन इस बात के परिचायक हैं कि आले सऊद की स्थिति मलिक सलमान के शासन काल से भी अधिक अस्थिर है