वाराणसी,4 जून। विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को तुलसीघाट पर संकटमोचन फाउण्डेशन, आॅज ग्रीन संस्था, अास्ट्रेलिया एवं मदर्स फॉर मदर्स के संयुक्त तत्वावधान में प्रो0 वीरभद्र मिश्र अन्तर्राष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार एवं काशी में गंगा प्रदूषण समस्या एवं समाधान विषयक संगोष्ठी का आयोजन हुआ। समारोह का शुभारंभ पंडित स्वर्ण प्रताप एव आचार्य कात्यायनजी जी के मंगलाचरण से हुआ, इसके पश्चात साहित्यकार पं0 हरिराम द्धिवेदी ने मर्यादा है इस देश की पहचान है गंगा गीत की सुन्दर प्रस्तुति करके कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया।
इसके पश्चात मदर्स फॉर मदर्स की संस्थापक अध्यक्ष श्रीमती आभा मिश्रा ने मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता जल पुरूष राजेन्द्र सिंह जी, संकटमोचन फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो0 विश्वम्भर नाथ मिश्र, गोरखपुर यूनिर्वसिटी के पूर्व्र कुलपति प्रो0 बी0एम0 शुक्ल एवं आई0आई0टी0 बीएचयू के पूर्व निदेशक प्रो0 एस0एन0 उपाध्याय को पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया अौर अपने स्वागत उदबोधन में कहा की मदर्स फॉर मदर्स संंस्था बनाने का मुख्य उदृेदश्य मां गंगा जो पूरे देश की मां है, इस मां को प्रदूषण से मुक्त करने के लिये घर-घर से माताओंं का गंगा के प्रति जागरूक करके उन्हें प्रदूषण मुक्त कराना है। इसके पश्चात संकटमोचन फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो0 विश्वम्भर नाथ मिश्र ने जल पुरूष राजेन्द्र सिंह को प्रो0 वीरभद्र मिश्र अर्न्तराष्ट्रीय पर्यावरण पुरस्कार से सम्माानित करते हुए उन्हें अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्द प्रदान किया। इसके पश्चात संगोष्ठी की विषय स्थापना करते हुए संकट मोचन फाउण्डेशन के महंत एवं आई0आई0टी0 बीएचयू के इलेक्ट्रानिक विभ्ााग के विभागाध्यक्ष प्रो0 विश्वम्भर नाथ मिश्र ने कहा की आज का विषय काशी में गंगा प्रदूषण समस्या एवं समाधान विषयक प्रस्तावना रखते हुए कहा की काशी में गंगा की स्थिति बहुत ही दयनीय हो गयी है, अाज काशी में प्रतिदिन 350 एम0एल0डी0 सीवर डिस्चाज हो रहा है।
देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी ने 1986 में मां गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिये गंगा एक्शन प्लान का काशी में शुभारंभ किया था, तब से लेकर आजतक गंगा की स्थित दिन पर दिन खराब होती जा रही है, अाज गंगा की स्थिति सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गयी है, आज गंगा जी में डिस्चार्ज आक्सीजन की कमी होती जा रही है, जिससे गंगा जी रहने वाले जलीय जीव जंतु व पानी को शुद्ध रखने की कमी होती जा रही है। मां गंगा को प्रदूष्ाण से मुक्त कराने के लिये 1982 में संकट मोचन फाउण्डेशन की स्थापना हुयी, तब से लेकर आज तक संस्था गंगा के प्रति समर्तिप भाव से काम कर रही है। आज गंगा की स्थिति देखकर बहुत ही दुख होता है की आज गंगा में पानी ही नहीं है। उन्होनें कहा की जब राजस्थान की नदियां पुर्नजीवित हो सकती है तो मां गंगा प्रदूषण मुक्त क्यों नहीं हो सकती है, यह सिर्फ और सिर्फ राजनीतिज्ञ दृढ़ इच्छा शक्ति की कमी है जिसके कारण मां गंगा प्रदूषण मुक्त नहीं हो रही है, उन्होनें वर्तमान सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा की पिछले चार साल में गंगा के लिये कुछ काम नहीे हुआ।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता जल पुरूष राजेन्द्र सिंह ने कहा की मां गंगा इस देश की लाइफ लाइन है यह अपने किनारे रहने वाले 50 करोड़ लोगों के जीवन यापन का साधन है, लेकिन आज मां गंगा खुद प्रदूषित होकर समाप्त की कगार पर खड़ी है, क्योंकि हमारे देश के नीति निर्धारकों की गलत नीतियों के कारण गंगा दिन पर दिन खत्म होती जा रही है। हमारी नीतियां डिस्चार्ज पर ही बनायी गयी है, मां गंगा सहित अन्य नदियों से हम सिर्फ और सिर्फ लेने की नीति पर चल रहे है उन्हें रिचार्ज देने की कोई नीति ही हमने आजतक नहीं बनायी जिसका कारण गंगा सहित देश की अन्य नदियां खत्म होने के कगार पर खड़ी है। लेकिन हमारे देश के नीति निर्धारक यह भूल गये की गंगा में एक बहुत बड़ी खूबी है की वह देना जितना खूब जानती है उतना ही लेना भी उसे अाता है। उन्होनें कहा की पिछले चार साल मे गंगा को अविरल एवं निर्मल बनाने के लिये कुछ काम नहीं है, जिन्ाको मां गंगा ने देश का प्रधानमंत्री बनाया वह भी मां गंगा को भूल गये लेकिन उन्हें यह याद रखना चाहिए की जो मां प्रधनमंत्री बना सकती है, वह हटा भी सकती है।
उन्होनें कहा की मां गंगा सिर्फ एक नदि ही नहीं है बल्कि वह देश की संस्कृति एवं सभ्यता की प्रतीक है, मां गंगा के किनारे ही देश की संस्कृति पल्लवित एवं पुष्वति हुयी है। यह देश की पहचान है। हमने मोदी जी पर बहुत विश्वास था लेकिन उन्होनें मां गंगा के लिये कुछ नहीं किया। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए गोरख्पुर यूनिर्वसिटी के पूर्व कुलपति प्रो0 बी0एम0 शुक्ला ने कहा की देश की जीवन रेखा गंगा को बचाने के लिये देश के सभ्ाी लोगों को जाति धर्म, राजनीति से उपर उठकर आगे आने होगा, तभी मां मंगा प्रदूषण मुक्त होंगी। उन्होनें कहा की देश में मां गंगा को प्रदूष्ाण मुक्त कराने के लिये एस0टी0पी0 तो लगाया जा रहा है लेकिन उसका संचाचलन एवं क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं होने के कारण वह बेकार साबित हो रहा है। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रो0 एस0एन0 उपाध्याय ने कहा की मां गंगा भारत देश की अभियान व पहचान होने के साथ-साथ 50 करोड़ लोगों का भरण पोषण करने वाली नदि है जो आज खुद प्रदूषण से कराह रही है, इनको प्रदूषण मुक्त करने के लिये हमें एक ठोस नीति बनाकर उसपर अविलम्ब कार्य करने की जरूरत है।
इसके पूर्व मदर्स फॉर मदर्स की तरफ से तुलसीघाट पर वृक्षाराेपण किया गया जिसमे आम, पीपल, नीम, जामुन, पाकड़, कदम आदि के पेड़ लगाये गये। संगोष्ठी का संचालन प्रो0 पी0के मिश्रा ने किया तथ्ाा धन्यवाद प्रो0 एस0एन0 उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर श्रीमती अन्नपूर्णा शुक्ला, पूर्व विधायक अजय राय, भाजपा नेता डा0 दया शंकर मिश्र दयालु,सतीश चन्द्र मिश्र, रीता अग्रवाल, डा0 अपून मिश्रा, राघवेन्द पाण्डेय, समाजसेवी रामयशा मिश्र, अशांक पाण्डेय, राजेश मिश्रा, विनोद तिवारी, प्रभुदत्त्ा त्रिपाठी, हरेन्द्र श्ाुक्ला, रूपेष पाण्डेय सहित काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
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