आदिल अहमद
यमनी सेना के प्रवक्ता ने पश्चिमी मोर्चे पर सऊदी गठबंधन की कार्यवाही रुकने के समाचारों का खंडन किया है और कहा है कि सऊदी- इमाराती गठबंधन इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार की प्रगति में अक्षम हैं।
फ़ार्स न्यूज़ एजेन्सी की रिपोर्ट के अनुसार यमनी सेना के प्रवक्ता शरफ़ लुक़मान ने अल आलम टीवी चैनल से बात करते हुए बल दिया है कि सऊदी एजेन्ट पश्चिमी तट पर कोई प्रगति नहीं कर पा रहे हैं और यमनी सेना ने दुरैहमी, अलजाह और फ़ाज़ा में उनको घेर लिया है।
शरफ़ लुक़मान ने इस बात की ओर संकेत करते हुए कि यमन के पास हज़ारों स्वदेशी मीज़ाइलें हैं और अपने मीज़ाइलों और ड्रोन के विकास के लिए हम निरंतर प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इसी प्रकार सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात में विदेशी कंपनियों के पूंजीनिवेश की ओर संचेत करते हुए कहा कि यमनी मीज़ाइलें और ड्रोन, सऊदी अरब और संयुक्त अरब इमारात के हर क्षेत्र को निशाना बनाने में सक्षम हैं।
यमनी सेना के प्रवक्ता शरफ़ लुक़मान ने राजधानी सनआ पर हमलावरों के हमले की धमकी को हास्यास्पद बताया और कहा कि सऊदी-इमाराती गठबंधन, हुदैदा प्रांत के तहीतिया क्षेत्र में युद्ध शुरु करने के तीन सप्ताह बाद भी इस क्षेत्र में घुसपैठ करने में विफल रहे हैं।
यमन की सेना ने पिछले दो बरसों में हुदहुद-1, रक़ीब, क़ासिफ़ और रासिद जैसे विमानों का अनावरण किया है और पिछले कुछ महीनों में इन ड्रोनों के माध्यम से सऊदी अरब के जीज़ान शहर पर कई बार हमले किए हैं। यमनी सेना के प्रवक्ता शरफ़ लुक़मान ने कहा है कि आरामको पर ड्रोन और मीज़ाइल हमला, दुश्मन के मुक़ाबले में यमन की प्रतिरोधक क्षमता में बड़ा परिवर्तन है।
ज्ञात रहे कि सऊदी अरब ने अमरीका, यूएई और कई अन्य अरब देशों की मदद से मार्च 2015 में यमन पर सैन्य हमला किया था जो अब तक जारी है। इन हमलों में चौदह हज़ार से अधिक यमनी नागरिक हताहत और दसियों हज़ार घायल हुए हैं जबकि दसियों लाख लोग बेघर हो चुके हैं।
पिछले वर्ष ही संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद में पेश की गयी एक रिपोर्ट में बताया गया था कि जांच टीम को सऊदी अरब की ओर से किए गये 10 में से 8 हमलों में हवाई हमलों के पीछे कोई ठोस सैन्य लक्ष्य होने के प्रमाण प्राप्त नहीं हुए।
यमन पर सऊदी अरब और उसके घटकों के पिछले 3 साल के हमलों में जहां अब तक लाखों यमनी हताहत, घायल और बेघर हुए हैं वहीं सऊदी अरब के सैनिक अब इस युद्ध से थक चुके हैं और वह यमन दलदल से फ़रार होने का रास्ता तलाश कर रहे हैं। सऊदी क्राउन प्रिंस ने आम माफ़ी की घोषणा इसीलिए की है ताकि सऊदी सैनिक फ़रार करने के बजाए यमनी नागरिकों के विरुद्ध अत्याचार को जारी रख सकें।
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