कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : मध्य प्रदेश में हुई बारिश के पानी से इलाहाबाद में यमुना का भी जलस्तर बढ़ने लगा है। यमुना का पानी बढ़ने से संगम के नीचे गंगा का भी जलस्तर बढ़ गया। इसके कारण संगम व गंगा-यमुना के घाटों से पंडों, घाटियों ने सामान हटाने शुरू कर दिए हैं। रविवार से सामान समेटने का शुरू हुआ कार्य सोमवार को भी चला।
सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि लगभग 80 सेमी जलस्तर बढ़ा है। मध्य प्रदेश में हुई बारिश का पानी केन और बेतवा नदियों के जरिए यमुना में आया है। इसके कारण ही यमुना तथा उसके जरिए गंगा में भी पानी बढ़ गया। संगम नोज पर पानी बढ़ने से कटान भी शुरू हो गई है। यमुना में बढ़े पानी का प्रभाव गंगा में भी पड़ा है। उसके अलावा उत्तराखंड की ओर हो रही बारिश से भी गंगा में पानी बढ़ना शुरू हो गया है।
यह रहा जलस्तर
फाफामऊ :76.84 मीटर
नैनी : 74.10 मीटर
जल पुलिस सतर्क
संगम नोज पर जलस्तर बढ़ने से स्नानार्थियों के लिए खतरा भी बढ़ गया है। यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु सुदूर स्थानों से स्नान कर पुण्यलाभ कमाने के लिए आते हैं। ऐसे में यहां सतर्कता न बरतने पर कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। ऐसे में जल पुलिस यहां सतर्क हो गई है। कटान की ओर जाने से श्रद्धालुओं को रोका गया। उन्हें कुछ खास घाटों पर ही स्नान करने की सलाह दी जा रही है। स्नान घाटों के पास जल पुलिस व गोताखोर लगा दिए गए हैं ताकि कोई हादसा न होने पाए।
सावन के सोमवार को लेकर चौकसी
अगले सोमवार से सावन के सोमवार शुरू हो जाएंगे। ऐसे में श्रद्धालु गंगा से जलभर कर बाबा विश्वनाथ के धाम या अन्य शिवालयों में जलाभिषेक करने के लिए जाते हैं। ऐसे में यहां पुलिस गश्त व सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जा रही है, ताकि शिवभक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो। संगम क्षेत्र में महावीर मार्ग से जाने वाले घाटों में ज्यादा खतरा है। ऐसे में श्रद्धालुओं को सतर्क किया जा रहा है।
उधर श्रद्धालुओं में भी भय नजर आने लगा है। पानी बढ़ने से पूजा अर्चना में वस्त्र बदलने में भी परेशानी आने लगी है। रात में पानी बढ़ने पर पंडों की झुग्गी झोपडियां डूब गईं। सुबह तख्त व झोपड़ियां पानी में देखीं तो उसे हटाने का काम शुरू किया। रविवार को दिनभर यह क्रम चला, जो कि सोमवार को भी जारी रहा।
श्रद्धालु भी बरतें सावधानी
संगम नोज पर पानी बढ़ने के कारण श्रद्धालुओं को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है। ज्यादा गहरे पानी में न जाकर कमर भर पानी वाले क्षेत्र में डुबकी लगाना चाहिए। ज्यादा गहराई में जाने पर खतरा हो सकता है। पानी में यह अनुमान नहीं लग पाता कहां ज्यादा पानी है और कम। संगम क्षेत्र में कई स्थानों पर गढ्डे भी हैं। ऐसे में वहां भी पानी पहुंच जाने से गहराई का अनुमान लगा पाना मुश्किल है। इस कारण घाट के किनारों पर ही स्नान करने की सलाह नाविकों व जल पुलिस द्वारा दी जा रही है।
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