इलाहाबाद। एलटी ग्रेड परीक्षा में सॉल्वर बैठाने के नाम पर लाखों का खेल करने वाले ओम सहाय और उसके गिरोह ने कई और परीक्षाओं में सेटिंग शुरू कर दी थी। उसके टारगेट पर रेलवे की सहायक लोको पायलट परीक्षा और गु्रप सी परीक्षा थी। वीडीओ पद के लिए होने वाली परीक्षा के नाम पर गिरोह ने वसूली शुरू की थी। इसके लिए आठ से दस लाख रुपये तय किए थे। सरगना ओम सहाय ने तो लालापुर के एक युवक को पास कराने की गारंटी देते हुए डेढ़ लाख रुपये एडवांस तक ले लिए थे। एसटीएफ की पूछताछ में इस गिरोह ने अपनी करतूतें कबूल की हैं।
नौ अगस्त से रेलवे की ग्रुप सी और ग्रुप डी परीक्षा होनी है। एसटीएफ के फंदे में फंसा इलाहाबाद का ओम सहाय किसी परीक्षा में खाली हाथ नहीं बैठता था। पेपर आउट कराने की कोशिश, सॉल्वर बैठाने और हैकिंग कराने के लिए वह हाथ पैर मारने लगता था। यदि इसमें वह फेल होता था तो परीक्षा पास कराने के नाम पर ठगी कर निकल जाता था।
एलटी ग्रेड परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से सॉल्वर बैठाने की सेटिंग के बाद उसने अपने गिरोह और सॉल्वरों को बता दिया था कि उन्हें वीडीओ और लोको पायलट परीक्षा में भी यही करना है। एसटीएफ सीओ नवेंदु सिंह ने ओम सहाय समेत अन्य आरोपितों से अलग-अलग बात की तो कई जानकारियां मिलीं। उन्हें कसा तो वे होने वाली लोको पायलट परीक्षा के लिए 12 लाख में सौदा करने की बात बताने लगे।
गिरोह के सदस्य विनीत कुमार निवासी कौशांबी ने एसटीएफ को बताया कि ओम सहाय ने उनसे कहा था कि जितना जहां से एडवांस मिले उठा लेना। ओम सहाय ने रेलवे की ऑनलाइन परीक्षा के लिए अभ्यर्थी तलाशने को कहा था। उसने कहा था कि इसमें सॉल्वर नहीं हैकर काम करेंगे।
नैनी सेंट्रल जेल पहुंचे सभी आरोपित
पुलिस ने सरगना ओम सहाय, विनीत कुमार, जितेंद्र समेत सभी आरोपितों को विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट इंद्रजीत सिंह की अदालत में पेश किया जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
सॉल्वर गैंग के मास्टरमाइंड ‘डॉक्टर की तलाश
एलटी ग्रेड सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान एसटीएफ के हाथ लगे सॉल्वर गैंग का मास्टरमाइंड लखनऊ में ही छिपा था। एसटीएफ उसकी सरगर्मी से तलाश कर रही है। इसके अलावा नोएडा में भी सॉल्वर गैंग के दो सक्रिय सदस्यों को तलाशा जा रहा है। एसटीएफ को इस गिरोह से जुड़े कई बड़ों तक पहुंचने की उम्मीद है।
सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा के दौरान रविवार को एसटीएफ मुख्यालय सहित अन्य केंद्रों की टीम ने सामूहिक रूप से बड़ी सफलता हासिल की थी। मुख्यालय की टीम ने 34 आरोपितों को पकड़ा था। जबकि इलाहाबाद में 12, मथुरा में एक और कानपुर में चार आरोपित पकड़े गए थे। आरोपितों से पूछताछ में बिहार से सॉल्वर बुलाए जाने की बात भी सामने आई थी। एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक सॉल्वर गिरोह ने अभ्यर्थियों को जो पेपर थमाया था, वह फर्जी था। लखनऊ में अभ्यर्थियों तक यह पेपर पहुंचाने में डॉ.अमित की भूमिका सामने आई है। वह लखनऊ के इंदिरानगर से ऑपरेट कर रहा था और अपने गुर्गों की मदद से अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूली थी। डॉ.अमित के पकड़े जाने पर कई बड़े राज खुलने की उम्मीद जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक नोएडा के विनय कुमार व अनिल कुमार की भी तलाश की जा रही है। दोनों मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं और बिहार के सॉल्वरों से जुड़े हैं।
दरअसल, एसटीएफ पूर्व में पकड़े गए सॉल्वर गिरोह के कई सदस्यों की निगरानी कर रही थी। अब उसकी सूची में कई नाम और शामिल हो गए हैं। सर्विलांस की मदद से भी कुछ आरोपितों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह का कहना है कि सॉल्वर गिरोह के कई सक्रिय सदस्यों की तलाश की जा रही है। पकड़े गए आरोपितों से मिली जानकारियों के आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है।
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