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बोल बम से गूंजे मंदिर और शिवालय

कनिष्क गुप्ता

इलाहाबाद : महादेव शिव की स्तुति पर्व श्रावण मास का आज पहला सोमवार है। सोमवार का दिन शिव को सबसे प्रिय होता है। यही कारण है कि इसका विशेष महत्व होता है। सोमवार को सिद्ध शिवलिंग के दर्शन, पूजन से साधक की हर मनोरथ पूर्ण होती है। प्रथम सोमवार पर सौभाग्य नामक दुर्लभ संयोग बन रहा है, जो शिव स्तुति के लिए उत्तम होता है। इसके चलते प्रयाग में शिवभक्त कांवरियों का जमघट लगने लगा था। सोमवार को सभी मंदिरों और शिवालयों में बड़ी संख्या में भक्तों ने भोलेनाथ का पूजन किया और कांवर भर कर कांवरिये अपने गंतव्य की ओर रवाना हुए।

मान्यता है कि श्रावण मास में सच्चे हृदय से देवाधिदेव महादेव का दर्शन करने मात्र से मानव को शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से छुटकारा मिलता है, एक माह तक शिवलिंग में बेलपत्र अर्पण करने पर साधक को शिव पुराण एवं शिव महायज्ञ अनुष्ठान कराने के बराबर फल की प्राप्ति होगी। ज्योतिर्विद आचार्य अविनाश बताते हैं कि सोमवार को तृतीया यानी जया तिथि रहेगी। वहीं दोपहर 1.41 बजे तक सौभाग्य नामक योग रहेगा। इसके शोभन नामक योग लगेगा। दोनों ही मनोरथ पूर्ण करने वाले हैं।

कांवरियों का लगा जमघट

श्रावण के सोमवार पर शिवलिंग पर अभिषेक करने के लिए शिव भक्त कांवरिया पहुंचने लगे हैं। भगवा वस्त्र धारण कर कंधे पर कांवर लिए भक्तों का जत्था दशाश्वमेध घाट, संगम, रामघाट दारागंज आदि घाटों पर स्नान कर जल भरकर शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे। यहां दशाश्वमेध, मनकामेश्वर, पंचमुखी महादेव, शिवकोटि का जलाभिषेक करेंगे।

मंदिरों में हुए अनुष्ठान

श्रावण के सोमवार पर शिवालयों में विशेष श्रृंगार किया गया। मां कल्याणीदेवी मंदिर में जनकल्याण को रुद्राभिषेक शाम पांच बजे किया गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष सुशील पाठक ने बताया कि सात वैदिक ब्राह्माणों ने अभिषेक कराया। इसके बाद भस्म, भांग, मेवा, फल व आभूषणों से श्रृंगार हुआ। वहीं मां ललिता देवी मंदिर स्थित ललितेश्वर महादेव में सुबह रुद्राभिषेक हुआ। मंदिर समिति के अध्यक्ष हरिमोहन वर्मा ने बताया कि दोपहर बाद रत्‍‌न जड़ित आभूषणों, पुष्पों से शिवलिंग का श्रृंगार किया गया।

निराकार हैं भगवान शिव : ब्रह्माश्रम

इलाहाबाद : रिमझिम बारिश का मनोरम दृश्य, चहुंओर फैली हृदयस्पर्शी हरियाली। इसके साथ महादेव शिव की स्तुति का अद्भुत संयोग। यह सब हमें श्रावण मास में मिलता है। यही कारण है कि श्रावण मास सनातन धर्मावलंबियों के लिए खास होता है। अखिल भारतीय दंडी संन्यासी प्रबंधन समिति के महामंत्री स्वामी ब्रह्माश्रम ने भक्तों को संबोधित करते हुए यह बातें कही। उन्होंने कैवल्यधाम आश्रम में आयोजित प्रवचन में कहा कि श्रावण महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित है। इसमें विधि पूर्वक शिवलिंग का अभिषेक करने से मनुष्य के मानसिक, शारीरिक विकृतियों का क्षय होता है और उसे शुभ फल प्राप्त होते हैं। शिवलिंग की स्तुति को लेकर समाज में भ्रांतियां भी फैलाई गई है। शिवलिंग के पूजन की व्याख्या सनातन धर्म विरोधी गलत व्याख्या करते है। जबकि सत्यता उससे भिन्न है।

वास्तव में भगवान शिव स्वयं शून्य, आकाश, अनन्त, ब्रह्मांड और निराकार परमपुरुष हैं। इसलिए शिवलिंग तो शून्याकाश आदि का प्रतीक है न की अज्ञानी पुरुष का लिंग। स्कन्दपुराण के अनुसार आकाश स्वयं लिंग ही है, पृथ्वी उसका पृष्ठ या आधार है तथा ब्रह्मांड का हर पदार्थ अनन्त शून्य से उत्पन्न होकर अंतत: उसी में लय हो जाने के कारण इसे लिंग कहा है। यही कारण है की प्राचीन काल से ही शिवलिंग की पूजा अनवरत अविरल रूप से चली आ रही है। अत: स्पष्ट है की शिव ही शिवलिंग है और शिवलिंग ही शिव हैं। इस दौरान हर्षचैतन्य ब्रह्माचारी, राहुल ठाकुर, विमल सिंह, श्रुति पांडेय मौजूद रहे।

कांवरिया उठा रहे जोखिम

इलाहाबाद : श्रावण का महीना लगने से कावरियों का जत्था रवाना होने लगा है, लेकिन सड़क मार्ग पर वर्तमान समय में आवागमन जानलेवा हो गया है। कारण, चौड़ीकरण होने से जगह-जगह सड़क पर गढ्डे बने हुए है। मऊआइमा व आसपास के इलाके के हजारों कावरिएं जल लेकर पैदल यात्र शुरू कर देते है। मऊआइमा से सोराव तक के लिए कावरियों का यह सफर बेहद जोखिम भरा है। सड़क चौड़ीकरण की योजना के चलते सड़कों की मरम्मतीकरण नहीं की गई। प्रशासन से इसका निर्देश दिया तो सैकड़ों गढ्डों मे बोल्डर भर दिया, जिससे कावरियों के पैरों में घाव होना शुरू हो गया है। रविवार को कई कावरिएं पैरों में पट्टी बाधकर यात्र करते नजर आए। तिलईबाजार प्रतिनिधि के अनुसार इलाहाबाद-प्रतापगढ़ राजमार्ग को नेशनल हाईवे से जोड़ने के लिए सड़क चौड़ीकरण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। ऐसे में भोपियामऊ से सोराव तक सड़क क्षतिग्रस्त होने से इस राह से गुजरने वाले कावरियों का सफर बेहद खतरनाक साबित होगा। वहीं सोराव से भोपियामऊ तक 35 किमी सड़क को फोर लेन बनाने हेतु चौड़ीकरण का कार्य जोरों पर चल रहा है। इस मार्ग पर 60 पुलिया, तीन माइनर ब्रिज तथा मऊआइमा में रेलवे ओवर ब्रिज बनना है। सड़क चौड़ीकरण की जद में आने वाले वृक्षों के कटान व ड्रेन निर्माण का कार्य जोरों पर है, लेकिन बरसात शुरू होने से निर्माण कार्य की गति सुस्त पड़ गई है। बारिश के चलते पूर्व में बनी सड़क भी ध्वस्त हो गई है। इस संबंध में क्षेत्रधिकारी सोराव जितेंद्र गिरि ने बताया कि कावरियों की सुरक्षा के मद्देनजर मोबाइल वैन व जगह-जगह पिकेट लगाया गया है। इसके जरिए उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की जा रही है।

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