कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : गंगा और यमुना में पानी जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसी तेजी से शहर के इर्द गिर्द कछार एरिया में रहने वालों की सांसें भी चढ़ रही हैं। बाढ़ से निपटने के लिए प्रशासन ने 29 बाढ़ चौकियां बना दी हैं। लेकिन ये कागजी चौकियां शहर को डुबा सकती हैं, क्योंकि यहां एक भी कर्मचारी नजर नहीं आता है। दैनिक जागरण ने सोमवार को पड़ताल की और मंगलवार के अंक में इसे प्रमुखता से प्रकाशित किया तो डीएम सुहास एलवाई अमले के साथ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने निकल पड़े।
यमुना किनारे के क्षेत्रों के लिए प्रशासन ने एमएल कान्वेंट स्कूल को बाढ़ राहत चौकी बनाया गया है। इसी तरह गौसनगर, बाजूपुर, जेके आशियाना, गढ्डा कॉलोनी के लोगों के लिए चेतना गर्ल्स इंटर कॉलेज, मीरापुर, सदियापुर, ककरहा घाट के लोगों के लिए डीएवी इंटर कॉलेज, कीडगंज, कुरैशीपुर कछार, यमुना बैंक रोड झोपड़पट्टी के लोगों के लिए यमुना क्रिश्चियन इंटर कॉलेज और कटघर कछार, दरियबाद, गऊघाट के लोगों के लिए मॉडर्न घोष इंटर कॉलेज को बाढ़ चौकी बनाया गया है। दैनिक जागरण की टीम यहां पहुंची तो पता चला कि यहां कोई कर्मचारी कभी नहीं आता। यही हाल दारागंज में राधारमण इंटर कॉलेज, छोटा बघाड़ा स्थित ऐनीबेसेंट इंटर कॉलेज, ईश्वर शरण इंटर कॉलेज, म्योर रोड स्थित ऋषिकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और स्वामी विवेकानंद जूनियर हाईस्कूल की बाढ़ चौकी का भी दिखा। यहां भी न तो बाढ़ से बचाव के कोई इंतजाम हैं। न ही लोगों को ठहराने के इंतजाम और न ही कोई कर्मचारी। कैंट हाईस्कूल सदर चौकी, महबूब अली हायर सेकेंड्री स्कूल बेली चौराहा और प्रिंटिंग टेक्नालॉजी तेलियरगंज में भी कहीं कोई कर्मचारी नहीं दिखा। केवल यहां पर प्रधानाचार्यो और प्रबंधकों के फोन नंबर भर दिए गए हैं।
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