सुदेश कुमार
बहराइच 14 जुलाई। नीति आयोग द्वारा चयनित आकांक्षात्मक जनपद में कृषि कल्याण कार्यक्रम के अन्तर्गत कृषकों के कृषि आय दोगुना करने के उद्देश्य से ब्लाक बलहा के ग्राम तुलसीपुर व ब्लाक नवाबगंज के ग्राम माधवपुर नदौना में उद्यान विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से आयोजित 100 कृषकों के एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का विधायक नानपारा के प्रतिनिधि पूर्व विधायक दिलीप कुमार वर्मा द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री वर्मा ने कहा कि आकांक्षात्मक जनपद अन्तर्गत कृषि कल्याण कार्यक्रम के तहत ब्लाक बलहा के ग्राम तुलसीपुर व ब्लाक नवाबगंज के ग्राम माधवपुर नदौना का चयन किया गया जिससे इस क्षेत्र के विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने नीति आयोग का गठन कर पूरे देश का सर्वे कराकर सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षिक रूप से अति पिछड़े जनपदों का चयन किया है। आकांक्षात्मक जनपद बहराइच के अति पिछड़े 25 ग्रामों में ब्लाक बलहा के ग्राम तुलसीपुर व ब्लाक नवाबगंज के ग्राम माधवपुर नदौना का चयन होने से इस क्षेत्र का विकास काफी तेज़ी के साथ होगा। उन्होंने कहा कि कृषि, उद्यान, गन्ना, पशुपालन, रेशम पालन, मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि की नवीनतम् तकनीक की जानकारी देकर ग्रामवासियों का कृषि के क्षेत्र में चैमुखी विकास कर आत्मस्वावलम्बी बनाया जायेगा तथा उनको कृषि से दोगुनी आय का रास्ता बताया जायेगा।
विशिष्ट अतिथि भारतीय जनता पार्टी के मण्डल अध्यक्ष राम सहारे मिश्रा ने किसानों का आहवान करते हुए कहा कि कृषि में नवीनतम् तकनीकी अपनाकर ही किसानों की आय दोगुनी की जा सकती है। योजना प्रभारी आरके वर्मा ने उद्यान विभाग द्वारा संचालित औद्यानिक विकास योजनाओं की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि उद्यान विभाग द्वारा कृषकों के कल्याण हेतु राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत फल, फूल, शाकभाजी/मसाला और संरक्षित खेती के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। केन्द्र व प्रदेश सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत लघु सीमान्त किसानों को 90 प्रतिशत एवं अन्य किसानों 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जनपद बहराइच में राज्य आयुष मिशन भी संचालित है जिसमें औषधीय फसलें यथा-सतावर, तुलसी, कालमेघ, एलोवेरा आदि की खेती पर इकाई लागत का 30 से 50 प्रतिशत तक राजकीय सहायता देय है। औषधीय फसलों पर जंगली जानवरों का प्रकोप न के बराबर होता है। जिससे फसलों का नुकसान काफी कम होने से इकाई लागत पर अधिक आय प्राप्त होती है। कृषक भाई सरकार की कृषक पारदर्शी महत्वाकांक्षी योजना में पंजीकरण कराकर अधिक से अधिक लाभ उठायें। उन्हांेने किसानों से अनावश्यक कृषि रक्षा रसायन का प्रयोग न करने की अपील की।
समन्वयक/वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. ओपी वर्मा द्वारा किसानों को घर बैठे खेती की नवीनतम् तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराये जाने, वैज्ञानिक श्रीमती रेनू आर्या द्वारा किसानों को किचन गार्डेन व पोषक वाटिका तथा वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. शेर सिंह द्वारा मधुमक्खी पालन, मशरूम उत्पादन आदि के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी गयी। साथ ही प्रगतिशील कृषक शक्तिनाथ सिंह द्वारा अपने अनुभवों को साझा किया गया। प्रशिक्षण में उपस्थित सभी कृषकों को मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा पाॅच-पाॅच फलदार पौधों, मिनी किट, प्रशिक्षण किट व कृषि विभाग द्वारा मिनीकिट्स आदि का वितरण किया गया। कार्यक्रम के अन्त में ग्राम प्रधान द्वारा आभार व्यक्त किया गया। इस अवसर पर सूबेदार वर्मा, पूर्व प्रधान रंजीतबोझा घनश्याम यादव सहित अन्य गणमान्य लोग व ग्रामवासी मौजूद रहे
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