आदिल अहमद
बौद्ध अतिवादियों के हमलों से जान बचाकर बांग्लादेश पहुंचे लाखों रोहिंग्या मुसलमान शरणार्थियों की जान को अब बारिश से ख़तरा है।
बांग्ला देश के संचार माध्यमों के अनुसार इस देश में जहां पर शरणार्थी रोहिंग्या मुसलमानों के लिए अस्थाई शिविर बनाए गए हैं उनमें कई प्रकार की कमियां हैं।
जिन शिविरों में रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं उनमें वर्षा को सहन करने की क्षमता नहीं है। यही कारण है कि वहां पर रहने वाले रोहिग्या शरणार्थी वर्षा को लेकर बहुत भयभीत हैं।
बंगलादेश में रह रहे लाखों रोहिंग्या शरणार्थियों के शिविरों पर हुई बारिश के बाद भूस्खलन आरंभ हुआ और बाढ़ आई जिसके कारण शरणार्थियों में गहरी चिंता पाई जाती है। राहत पहुंचाने वाली एजेन्सियों का कहना है कि मानसून की वर्षा के कारण वहां पर आपदा जन्म ले सकती है। बांग्ला देश के मौसम विभाग का कहना है कि रोहिंग्या शरणार्थियों के शिविरों वाले क्षेत्र काॅक्स बाज़ार में भारी वर्षा हुई है। दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्रसंघ की शरणार्थी एजेन्सी ने बताया है कि जिस क्षेत्र में लाखों की संख्या में रोहिंग्या शरणार्थी रहते हैं वहां के हालात बहुत ही ख़राब एवं दयनीय हैं।
ज्ञात रहे कि 25 अगस्त सन 2017 को म्यांमार की सेना और वहां के अतिवादी बौद्धों ने इस देश के राख़ीन प्रांत में रहने वाले रोहिंग्या मुसलमानों पर हमले किये थे जिनमें 6500 से अधिक रोहिंग्या मुसलमान मारे गए और आठ हज़ार से अधिक घायल हो गए थे। इन हमलों के बाद लगभग दस लाख रोहिंग्या मुसलमान अपनी जान बचाने के लिए घरबार छोड़ने पर विवश हुए थे। इन रोहिंग्या मुसलमानों ने म्यांमार की सेना और वहां के अतिवादी बौद्ध अपनी जान बचाकर बांग्ला देश में शरण ली थी जो अब वहां के काॅक्स बाज़ार नामक क्षेत्र में बहुत ही दयनीय स्थिति में जीवन गुज़ार रहे हैं।
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