आदिल अहमद
ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका विश्व स्तर पर पूरी तरह अलग-थलग पड़ गया है और अब वह इस अकेलेपन की खिसयाहट को मिटाने के लिए खुले तौर पर राजनीतिक दबाव का हथकंडा इस्तेमाल करने पर उतर आया है।
इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने देश के निजी क्षेत्र के विशेष प्रतिनिधियों और ईरानी राजदूतों एवं राजनयिकों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि ताज़ा स्थिति ने ईरान के लिए अपार अवसर पैदा कर दिए हैं जिनसे भरपूर तरीक़े से लाभ उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अतीत में अन्य देश भी ईरान के ख़िलाफ़ अमेरिकी प्रतिबंधों का समर्थन किया करते थे और यहां तक कि सुरक्षा परिषद और कई देशों ने हम पर प्रतिबंध लगा रखे थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि आज अमेरिकी प्रतिबंधों की कोई औक़ात नहीं रह गई है और न ही कोई क़ानूनी हैसियत रह गई है। उन्होंने कहा कि ईरान को दुनिया से अलग-थलग करने का सपना देखने वाला अमेरिका आज स्वयं विश्व में अकेला पड़ गया है।
डॉक्टर ज़रीफ़ ने कहा कि व्हाइट हाउस में बैठे अधिकारियों की बौखलाहट का इस बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि, अब अमेरिका अपने लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए, खुले तौर पर राजनीतिक दबाव का उपयोग करने लगा है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया ऐसे दोराहे पर खड़ी है जहां उसे अपने स्वाभिमान व अज़ादी और अमेरिका की ग़ुलामी में से एक को चुनना है। ज़रीफ़ ने कहा कि ईरान 40 वर्ष पहले अपने रास्ते को चुन चुका है और अब यूरोपीय देशों की बारी है कि वह ट्रम्प और अमेरिका के हितों के मुक़ाबले में अपने हितों को प्राथमिकता दें। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि विश्व के विभन्न देश इस बात को बहुत ही अच्छी तरह समझ रहे हैं कि अमेरिका जिस डगर पर चल रहा है वह दुनिया के लिए बहुत ही ख़तरनाक है।
डॉक्टर मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने कहा कि अमेरिकियों को प्रतिबंध लगाने की लत पड़ गई है और वह न केवल ईरान बल्कि दुनिया के अधिकतर देशों के ख़िलाफ़ पाबंदिया लगाते रहते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका का इतिहास इस बात का गवाह है कि दुनिया के ज़्यादातर देशों के ख़िलाफ़ सबसे अधिक प्रतिबंध अमेरिका ने ही लगाए हैं। ईरान के विदेश मंत्री ने कहा कि तमाम दबाव और प्रतिबंधों के बावजूद हम अपने देश की रक्षा स्वयं कर रहे हैं, जबकि हमारे पड़ोसी देश अपनी सुरक्षा के लिए विदेशी ताक़तों के मोहताज हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस बात पर बहुत अफ़सोस होता है कि जब अमेरिका जैसे देश का नया राष्ट्रपति हमारे पड़ोसी देशों से कहता है कि अगर हम दो सप्ताह के लिए तुम्हारा समर्थन बंद कर दें तो तुम तबाह हो जाओगे। डॉक्टर ज़रीफ़ ने कहा कि साम्राज्यवादी शक्तियों ने 40 वर्षों तक हमारे ख़िलाफ़ युद्ध, प्रतिबंधों का दबाव और तरह-तरह की साज़िशें और हथकंडे इस्तेमाल किए, लेकिन ईश्वर की कृपा से ईरानी राष्ट्र की सच्चाई और मज़बूत इरादों के आगे यह सभी नक़ली शक्तियां ढेर हो गईं और हम दिन प्रतिदिन प्रगति और विकास के रास्तों को तै करते रहे और सभी कठिनाइयों के बावजूद, आज हमारा देश दुनिया में पहले से अधिक गौरववांवित है।
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