आदिल अहमद
ब्रिटेन के टीवी चैनल-4 ने अफ़्रीक़ा में संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति रक्षक बलों द्वारा किए गए यौन शोषण के बारे में एक दहला देने वाली रिपोर्ट दी है।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2004 में कांगो डेमोक्रेटिक में संयुक्त राष्ट्र संघ के लिए काम करने वाले डीडिए बोरगे से जब यह सवाल किया गया कि उन्होंने अपने काम के दौरान कितने बच्चों का यौन शोषण किया है, कहा कि शायद 20 या शायद 25, मैंने गिना नहीं। रिपोर्ट में बताया गया है कि जब पुलिस ने बोरगे को गिरफ़तार किया और फ़्रान्सीसी अधिकारियों ने उसे 9 साल के लिए जेल भेज दिया तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने वादा किया कि वह उसका शिकार बनने वालों की मदद करेगा, लेकिन यह वादा कभी पूरा नहीं हो सका।
डीडिए बोरगे, कांगो के शहर गूमा में संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति रक्षक बल के अधिकारी के रूप में काम करता था और उसे हर महीने सात हज़ार डाॅलर वेतन के रूप में मिला करते थे। उसका कहना है कि बच्चों के साथ उसके यौन संबंध उनकी सहमति से हुए हैं लेकिन इसी के साथ उसका यह भी कहना है कि शायद बच्चे उसे न कहते हुए डरते रहे होंगे। उसका कहना है कि मैं निश्चिंत नहीं हूं, मुझे नहीं लगता कि एेसा रहा हो लेकिन क्या पता शायद एेसा ही रहा हो।
बोरगे के इन भीषण अपराधों के बाद राष्ट्र संघ ने उसका शिकार बनने वालों की मदद की घोषणा की थी लेकिन उसका दावा है कि उसे वे बच्चे मिले ही नहीं। ब्रिटेन के चैनल-4 के रिपोर्टर ने इन घटनाओं के 14 साल बाद कांगो की यात्रा की और केवल कुछ ही घंटों में उनमें से चार बच्चियों को खोज निकाला जिन्हें बोरगे ने अपनी हवस का निशाना बनाया था। रिपोर्टर के अनुसार बोरगे बच्चों को अपने पास लाने के लिए स्थानीय लोगों की मदद लेता था और उन्हें सहायता देने का वादा करता था। रिपोर्ट के अनुसार बोरगे, संयुक्त राष्ट्र संघ के उन कर्मचारियों में शामिल है जो मेज़बान देश में यौन संबंध बनाने के आदी हो चुके हैं और एक दशक बीतने के बाद अब भी यह संस्कृति जारी है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के पूर्व सहायक एंटनी बानबरी का कहना है कि सच्चाई यह है कि बहुत से लोगों की अथक कोशिशों और राष्ट्र संघ के उच्चाधिकारियों के वादों के बावजूद उन लोगों पर आपराधिक मुक़द्दमा चलाने की कोई गारंटी नहीं है जो संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति रक्षक दल के सदस्य के रूप में दूसरों का यौन शोषण करते हैं। इस रिपोर्ट के अंत में मोरीतानिया में संयुक्त राष्ट्र संघ के शांति रक्षकों द्वारा सामूहिक बलात्कार का शिकार बनने वाली एक लड़की के चाचा के हवाले से बताया गया है कि हम समझते थे कि ब्ल्यू हेलमेट वाले लोगों की रक्षा के लिए यहां मौजूद हैं लेकिन वे तो यहां बलात्कार और यौन शोषण के लिए आए हैं। यह सामान्य स्थिति नहीं है।
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