महोबा. चुनावों के दौरान खुद को ईमानदार, जुझारू व सेवक का तमगा देकर घर घर वोटों की भीख मांगने वाले जनप्रनिधियों और सियासतदानों का असली चेहरा सत्ता आने के बाद ही उजागर होता है , जिसकी बानगी महोबा सहित पूरे बुन्देलखण्ड में देखने को मिल रही है.
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या अवैध खनन की नाव पर सवार होकर नेताजी लोकसभा पहुंचने के सपने देख रहे हैं..? क्योंकि चर्चाओ के अनुसार क्षेत्र के चर्चित खनन माफिया पर नेता जी का आशीर्वाद किसी से छुपा नहीं है और यही वजह है कि आम जनता के बीच नेता जी की खासी फजीहत भी हो रही है.
वहीं दूसरी तरफ पत्थर मंडी से उभरे नए नवेले नेताजी की खनिज मंत्री से रिश्तेदारी सभी पर भारी पड़ रही है, तभी तो कुछ दिनों पूर्व अपना वर्चस्व कायम करने के लिए बराना घाट में अंधा धुंध फायरिंग कर दहशत फैलाने का प्रयास किया था, हालांकि मौके पर पहुँची पुलिस ने सचिन तिवारी सहित चार के खिलाफ मामला दर्ज किया था और लाइसेंस निरस्त करने की कार्यवाही भी की थी, लेकिन यहाँ भी रसूख की हनक प्रशासनिक कार्यवाही पर भारी पड़ गई और चंद दिनों में ही मामले को दबा दिया गया.
अब देखना यह है कि खुद को संस्कारी और ईमानदार का ढिंढोरा पीटने वाले क्या सख्त कदम उठा पाएगे या फिर अवैध खनन का यह खेल आने वाले चुनावों में भारी पड़ जाएगा.
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