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साहब ये गरीब किसानो का गाव है, यहाँ न विकास आ रहा है, न स्वछता अभियान – पीड़ित ग्रामीण

अज़ीम कुरैशी

नूरपुर. युपी कै बिजनोर जिले मे कसबा नूरपुर के क्षेत्रीय ग्रामीण इलाकों मे किसान इस बात की कल्पना किये हुए हैं ओर आस लगाए बैठे हैं की कब हमारे गांवो मे भी नेता अभिनेताओ का आगमन हो ओर कब हमारे गाँवों मे स्वच्छ जैसी बहार दिखाई दे लेकिन नेता अभिनेता तो दूर की बात हे हमारे ग्रामीण इलाकों में इलाकों के विधायक एवं चेयरमैन ब्लॉक परिषद के अधिकारी तक आना गवारा नही समझते चुनावी दोरो के दोरान नेता अव अधिकारी लोग ग्रामीणों को खूब लूभाते हे प्रन्तु चुनाव बीत जाने पर कोई भी नेता व पदाधिकारि ग्रामीण क्षेत्रों की सूध लेने को तय्यार नही होते

अब ऐसै मे ग्रामीण क्षेत्रीय किसान अपनी समस्या लेकर किसकै पास जाऐँ ओर अपनी विब्ता किसको सुनाऐ आज गाँवों की हालत बद से बद्तर होती जा रही हे किसान एव गाँवों में रह रहे ग्रामीण अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा व समस्याओ को उच्च अधिकारियों व नेतगण से कही पर खाली आश्वासन ही मिला इसी बीच नगीना भाजपा सांसद डॉ यशवन्त सिंह को इस समस्या के बारे मे ग्रामीणों ने अवगत कराया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी इसी के चलते नूरपुर क्षेत्र के गाँव के कुछ लोगों ने पत्रकारों को बूला कर अपनी विब्ता ओर समस्या सुनाई ताके ग्रामीणों की पीड़ा इन नेताओं व पदाधिकारियों के कानो तक पहुँच सके

नूरपुर क्षेत्र निकटवर्ती ग्राम झीरन, धारुपुर भरतपुर आदी कुछ गाँव प्रदूषण मे लिप्त होते जारहे हैं ओर इन गाँवों मे विकास होता नजर नही आ रहा हे। ग्राम झीरन व धरूपुर जो की ग्रामीणों के रोजगार का मुख्य मार्ग है पर मुख्य मार्ग ही टूटा फूटा हे खड़ंजा बिझा हे पर उसमे भी गंदा पानी भरा रहता हे उस मार्ग से गुजरते ग्रामीण व स्कूल के छोटे बड़े क्षात्र फिरभी उसी से गुजरने को मजबूर व विवश हैं । गाँव के 80% पानी की निकासी गांव के उस पार हे अब ग्रामीणों को पानी की निकासी के लिये गांव की सीमा से बाहर पानी की निकासी को विवश है । इनही ग्रामीण गाँवों मे जब नेतागण व पदाधिकारियों का आगमन होता हे तो वह भी गाँव की सीमा से पहले हे अपनी सभाऐं कर के ओर ग्रामीणों से मिलकर गांव की सीमा से ही वापस हो जाते हैं ।

ग्रामीणों ने बताया के इसकी मुख्य वजह इन गाँवों के मुख्य मार्ग ओर गाँव के नदी नलों से बहते गंदे प्रदूषित पानी से मुख्य मार्ग भरे रहते हैं जिस से जीव जन्तू के काटने का डर सताता हे ओर खतरनाक बीमारीयो जेसे मलेरिया काला बुखार बदन मे फेलती खारिश जैसी अनेकै बीमारियो का खतरा बना रहता है। इसी बीच गाँव मे रोजगार व शिक्षा ओर विकास मे अवरूध्द यह ही मार्ग का गंदा पानी बन रहा हे ओर भरतपुर गाँव के छात्र व छात्राएँ शिक्षा पाने के लिये 7 किलोमीटर नूरपुर होते हुए गा धारूपुर आने को विवश हे जबकी गांव मे 3 किलोमीटर फासले पर ही एक हाईस्कूल हे परन्तु  गाँव का मुख्य मार्ग इतना अधिक ख़राब है कि वहा से जाना ही संभव नहीं है. गाँव के ग्रामीण जयवीर सिंह, ब्रमपाल सिंह, रमेश सिंह, सुशिल कुमार, लाल सिंह, अमर सिंह, ब्रजेश कुमार, मोहन, जगदी सिंह,ऊषा रानी, स्मर्ति,सुदेश , धर्मवीर सिंह आदी ने गाँवों की समस्याओं का निवारण व विकास करने की अपील की हे

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