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ताजुशशरिया अज़हरी मिया हुवे सुपुर्द-ए-ख़ाक, लाखो लोगो ने पढ़ी नमाज़-ए-जनाज़ा. देखे तस्वीरे

डॉ आसिफ

बरेली. “ताजुशशरिया” की उपाधि से सम्मानित बरेलवी मसलक के बड़े आलिम मुफ़्ती अख्तर रजा खां कादरी उर्फ “अजहरी मियां” को बरेली के मोहल्ला सौदागरान स्थित दरगाह आला हजरत के पास अजहरी गेस्ट हाउस में रविवार को सुपुर्दे खाक कर दिया गया।

उनके जनाजे की नमाज इस्लामिया मैदान में उनके बेटे और शहर काजी असजद मियां ने अदा कराई।नमाज में बरेली के स्थानीय लोगों के साथ देश विदेश से लाखो की  तादात में आए अकीदतमंदों ने शिरकत की। एक जानकारी के मुताबिक जनाज़े में तीस ज़िलों की पुलिस ने विधि-व्यवस्था को संभाला। भीड़ का मंज़र का अंदाज़ आप इसी से लगा सकते है कि बरेली जैसे इंसानों के हुजूम से ढका हुआ था. हर तरफ चप्पले बिखरी पड़ी थी. लाख नहीं बल्कि लाखो मर्द औरत बच्चे पीर के आंखरी दीदार को मचल रहे थे. लोग रो रो कर दुआ मांग रहे थे. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशो से आये हुवे लोग ताज्जुशारिया की आखरी एक झलक पाने को बेताब थे. जानकारों की माने तो दुनिया के 127 देशों से भी लोग आकर जनाज़े में शामिल हुए।

ताजुशशरिया अज़हरी मियां के इन्तेकाल पर तुर्की के राष्ट्रपति तय्यब एरदोगान ने भी ग़मज़दा होकर अपनी अक़ीदत का इज़हार रुंधे हुए गले से किया तो दावत ए इस्लामी के अमीर हज़रत मौलाना इल्यास अत्तार क़ादरी ने भी गम का इज़हार किया। मारूफ और मशहूर पाकिस्तान के नातखां हज़रत ओवैस रज़ा क़ादरी ने भी अपने ग़म का इज़हार करते हुए हुज़ूर अज़हरी मियां के मुरीदीन को सब्र करने के लिए दुआ की।

सियासत की दुनिया से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव,  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत,  सपा नेता आजम खान, केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने अजहरी मियां के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें खिराजे अकीदत पेश किया है।

बता दें कि ताजुशशरिया को शरीयत का ताज माना जाता है(था), आपने दुनिया में अनेक इस्लामी, दुनियावी, समाजी मुद्दे पर क़ुरान, हदीस और शरीयत की रोशनी में फतवे दिए जिससे पूरी दुनिया को इस्लाम के सूफी परम्परा का एक सही रुख नज़र आया। आपको जानकर हैरानी होगी हिंदुस्तान की सियासत के कई रहनुमाओं ने उनको अनेको बार प्रस्ताव भेजे लेकिन उन्होंने हमेशा इनकार किया, बल्कि वे किसी भी राजनेता से मिलने तक पसंद नहीं करते थे।

जानकारों के मुताबिक फ़िल्म स्टार संजय दत्त, अमर सिंह, राहुल गांधी तक को मायूस होकर लौटना पड़ा था जब ताजुशशरिया ने उनसे मिलने से मना कर दिया था। वो किसी भी तरह के सियासी जाल में नही फंसे बल्कि तस्सवुफ और इंसानियत के लिए ज़िन्दगी भर काम करते रहे।

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