कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : छेड़खानी, दुष्कर्म पीडि़त लड़कियों के साथ खाकी का बर्ताव बदलने की तमाम कोशिशें हुई लेकिन इसका असर नहीं दिखा। ऐसे संवेदनशील मामलों में भी पुलिस की कार्रवाई पीड़िता को परेशान करने वाली ही होती है। अतरसुइया थाने में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। मुंबई से बरामद कर लाई गई एक किशोरी की चार रातें अतरसुइया थाने में गुजरी हैं। किशोरी के पैर में इंफेक्शन हो गया है। पैर सूजा है और उसमें से मवाद रिस रहा है। इसके बावजूद पुलिस उसे इलाज से रोके है, यहां तक की घरवालों को दवा लाने नहीं दी जा रही है। इससे इतर एक दारोगा जी रात बारह बजे उस किशोरी को यह पट्टी पढ़ाने पहुंचते हैं कि तुम्हारे पिता ने कई गलत लोगों के खिलाफ रिपोर्ट लिखा दी है, तुम सुरक्षित हो, अब अपना बयान बदल दो।अतरसुइया थाना क्षेत्र के दरियाबाद इलाके में रहने वाले फर्नीचर दुकानदार की 17 साल की बेटी को वहीं का रहने वाला मो. हसनैन भगा ले गया था। मामले में किशोरी के घरवालों ने हसनैन, मुंबई में रहने वाले उसके भाई और दोस्त को नामजद किया। मुंबई पुलिस ने किशोरी का बरामद कर लिया। इसके बाद मुंबई पुलिस ने अतरसुइया पुलिस से संपर्क कर किशोरी को ले जाने को कहा। रविवार की रात एक बजे अतरसुइया पुलिस किशोरी को मुंबई से इलाहाबाद लाई गई। तब से वह थाने में रातें गुजार रही है। न तो उसे महिला थाने भेजा गया न ही इलाज के लिए। किशोरी के घरवालों का कहना है कि उसका पैर सूजा हुआ है। मवाद बह रहा है। पैर सड़ने की हालत में है, इसके बाद भी उसे दवा नहीं देने दी जा रही है। मामले में अतरसुइया थाना प्रभारी बृजेश यादव का कहना है कि मेडिकल हो चुका। रिपोर्ट आने में देरी की वजह से उसे थाने में ही रख गया है। पैर मच्छर काटने से सूज गया है।
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