कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : करेली थाना क्षेत्र के अटाला निवासी वांटेड अफाक डालर का आतंकी फंडिंग से कनेक्शन तो नहीं। इस तथ्य की पड़ताल के लिए पुलिस के साथ सुरक्षा एजेंसियां भी जुट गई हैं। गिरफ्तारी के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) को भी लगाया गया है। माना जा रहा है कि यदि अफाक गिरफ्त में आ गया तो बड़े और चौंकाने वाले राज खुल सकते हैं। करीब दो साल पहले भी आइएसआइ के एजेंट जमालुद्दीन को आतंकवाद निरोधक दस्ता ने लखनऊ में गिरफ्तार किया था। जमालुद्दीन इलाहाबाद के कई होटल में वेटर की नौकरी करते हुए आतंकी फंडिंग के लिए काम भी कर रहा था। ऐसे में अफाक के पूरे नेटवर्क और गिरोह से जुड़े लोगों के बारे में छानबीन की जा रही है।
दरअसल, अफाक डालर के डिलीवरी ब्वॉय चांद को सिविल लाइंस पुलिस ने दो दिन पहले विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम व धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था। उसके पास से रियाल, यूरो, डॉलर व कई देशों की मुद्रा बरामद हुई, जिसकी कीमत रुपये में 22 लाख से अधिक थी। पूछताछ में मुट्ठीगंज निवासी चांद ने बताया था कि वह अफाक डालर के लिए काम करता था। गिरोह का नेटवर्क यूपी और दिल्ली में है। चांद विदेशी मुद्रा दिल्ली ले जाता और वहां जामा मस्जिद के पास बताए गए शख्स को देता था, लेकिन अफाक तक विदेशी मुद्रा कैसे पहुंचती थी और वह किन लोगों के संपर्क में है, इसके बारे में पता लगाया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि आतंकी कनेक्शन से जुड़े होने की सूचना पर ही पुलिस ने अफाक के घर छापेमारी की थी। घर में बाहर निकलने के लिए तीन दरवाजे थे। यानी अफाक खुद को सुरक्षित रखते हुए कई साल से काम कर रहा था। यह जान पुलिस चौंक गई थी। तफ्तीश में यह भी पता चला कि विदेशी मुद्रा रखने के कारण ही अफाक के नाम के आगे डालर शब्द जुड़ गया क्योंकि उसके पास डॉलर ज्यादा रहते थे। वह कई बार सऊदी व दूसरे देश भी जा चुका है। फिलहाल पुलिस उसके पासपोर्ट, वीजा का पता लगाते हुए गिरोह के सदस्यों का आतंकी कनेक्शन तलाश कर रही है।
एसएसपी नितिन तिवारी ने बताया कि अफाक डालर के बारे में कई तरह की सूचना मिली है, जिसकी सच्चाई का पता लगाया जा रहा है। गिरफ्तारी के लिए दबिश दी जा रही है। जल्द ही उसे पकड़ लिया जाएगा।
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