सुदेश कुमार
बहराइच 19 जुलाई। शासन के निर्देशानुसार 22 जुलाई तक आयोजित होने वाले भूजल सप्ताह को अभियान के रूप में मनाये जाने के उद्देश्य से बुधवार की देर शाम विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी माला श्रीवास्तव ने कहा कि भूजल संरक्षण-समय की माॅग है। भूजल संरक्षण के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि जनपद बहराइच में कोई भी विकास खण्ड अतिदोहित/क्रिटिकल/सेमिक्रिटिकल की श्रेणी में नहीं है फिर भी हमें भविष्य को ध्यान में रखते हुए विकास खण्डो में भूजल संसाधनों में सुधार लाये जाने के दृष्टिगत वर्षा जल संचयन तथा भूजल संसाधनों के समेकित प्रबन्धन पर विशेष ध्यान देना होगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि भूजल संरक्षण के लिए हमें फसलों की सिंचाई क्यारी बनाकर करनी होगी, सिंचाई की नालियों को पक्का करें या कैनवस/पीवीसी पाइप का प्रयोग करना होगा, बागवानी की सिंचाई हेतु ’ड्रिप विधि’ व फसलों की सिंचाई हेतु ’स्प्रिंकलर’ विधि को बढ़ावा देना होगा, पेड़ पौधों एवं फसलों आदि में आवश्यकतानुसार ही पानी का प्रयोग करना होगा। इसके अतिरिक्त हमें भूजल संरक्षण को अपनी आदत में शामिल करना होगा ताकि हर जुगत से भूजल का संरक्षण हो सके। पानी को बचाने के लिए हमें बगीचे में पानी सुबह-सुबह ही देना चाहिए ताकि वाष्पीकरण से होने वाला नुकसान कम किया जा सके इसके साथ ही खेतों की मेडों का मजबूत व ऊंचा करके खेत का पानी खेत में रिचार्ज होने देना चाहिए। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि भूजल संरक्षण के लिए शैक्षिक संस्थाओं में रैली आयोजित की जायें।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी राहुल पाण्डेय ने भूजल संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हम सभी को अपने रोज़मर्रा की जिन्दगी में भूजल संरक्षण का ध्यान रखना होगा। श्री पाण्डेय ने कहा कि हमें नहाने, कपड़ों की धुलाई, बर्तन मांजने, नहाने, गाड़ी धोने जैसे कार्यांे में विवेकपूर्ण जल का उपयोग करना होगा तभी हम आगे आने वाली नस्लों के लिए भूजल का प्रबन्ध कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भूजल संरक्षण के लिए एक मात्र सरकार, किसी संस्था के प्रयास से कुछ नहीं होने वाला है इसके लिए जन जागरूकता बहुत आवश्यक है।
बैठक का संचालन करते हुए सहायक अभियन्ता, लघु सिंचाई बी.डी. वर्मा ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार 16 से 22 जुलाई तक एक अभियान के रूप में भूजल सप्ताह मनाया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के कुल 820 विकास खण्डों में से 271 अतिदोहित/क्रिटिकल/सेमिक्रिटिकल की श्रेणी में पहुंच गये हंै। जब कि जनपद बहराइच में कोई भी विकास खण्ड इस श्रेणी में नहीं है।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी वीरेन्द्र सिंह, सीनियर हाइड्रोजियोलाजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग खण्ड-गोण्डा लक्ष्मी चन्द्र अग्रवाल, कृषि विज्ञान केन्द्र के आर.के. पाण्डेय, अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद, बहराइच पवन कुमार, अधि.अभि. सरयू नहर खण्ड पंचम ए.के. सिंह, अधि.अभि. जल निगम आर.बी. राम, ए.आर. को-आपरेटिव नवीन चन्द्र शुक्ला सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी व खण्ड विकास अधिकारी मौजूद रहे
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