- मिड-डे मील के दो ठेकेदारों का झाम,
- बीच सड़क पर दिया एक ठेकेदार ने महिला ठेकेदार को फाड़ देने की धमकी,
- धमकी देने वाले ने जिले के सभी बड़े अधिकारियो से बताये अपने रिश्ते.
- पुलिस की मौजूदगी में देता रहा ठेकेदार महिला को धमकी.
- महिला भी नहीं डरी और कर देना कह कर हड़का डाली ठेकेदार को,
- बीएसए कार्यालय की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह.
- मिड-डे मील में बड़े भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रहा है यह झगडा,
- बीएसए साहब आपकी ख़ामोशी बहुत कुछ बयान करती है
वाराणसी. सरकार ने प्राइमरी स्कूलो में मिड-डे मील की व्यवस्था किया था. शायद उसकी सोच रही होगी की पढने वाले बच्चे भूखे न पढ़े. इसके लिये पहले जो व्यवस्था रही उसमे थोडा बदलाव करते हुवे इसका ठेका दे दिया गया. वैसे तो पहले से ही इस व्यवस्था पर प्रश्न चिन्ह कई बार लगा मगर जब से ठेका क्या हुआ कही न कही से इस लाइन में खाद्य के गोरखधंधे वाले इस सेक्टर में अपने कदम जमाने लगे. ठेठ भाषा में कहा जाये तो खाद्य घोटाला कही न कही से कुछ बड़ा रूप लेने लगा जिसकी बानगी आज वाराणसी के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के ठीक सामने एंटी करप्शन ब्यूरो के गेट पर दो ठेकेदारों का आपस में हुआ विवाद दर्शा गया.
बात यही तक नहीं रुकी और वह धमकी देते हुवे बोला कि बनारस में काम नहीं करने दूंगा और फाड़ डालूँगा. मामला किसी तरह दोनों दरोगा ने शांत करवाया. मामले की तह तक जाने के बाद ज्ञात हुआ कि दोनों महिला और पुरुष मिड डे मील के ठेकेदार है. धमकी देने वाले पुरुष ठेकेदार का नाम प्रवेश कुमार मिश्रा और महिला ठेकेदार का नाम सीमा सिंह है. सीमा सिंह भदोही जनपद की रहने वाली है और वाराणसी में मिड डे मील की ठेकेदारी का काम करती है, बनारस के कई विद्यालयों और मदरसों में उसकी सप्लाई है. पहले उन विद्यालयों और मदरसों में प्रवेश कुमार मिश्रा की सप्लाई थी. दोनों के बीच इसको लेकर टशन बन गई थी.
सीमा सिंह ने हमसे बात करते हुवे बताया कि दोनों को आज आपसी टशन दूर करने के लिये बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में एक मिड डे मील से सम्बंधित एक अधिकारी/कर्मचारी ने बुलवा कर मध्यस्था करना चाहा था, मगर शायद बात नहीं बनी और मामला सड़क पर आ गया. सड़क पर आते ही यह विवाद और तुल पकड़ लिया और प्रवेश कुमार मिश्रा ने जमकर सीमा सिंह को लताड़ दिया. स्थिति कुछ इस प्रकार थी कि अगर मौके पर दो दरोगा नहीं होते तो शायद जूतम पैजार तक हो गई होती. देखे मौके का एक वीडियो.
इस सम्बन्ध में जब प्रवेश कुमार मिश्रा से हमने बात करने का प्रयास किया तो बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय के बाहर खड़े मिश्रा जी ने हमको भी अपनी पकड़ की धौस दिखाया और कहा कि जाकर जो लिखना है लिखा डालो. उस…… (महिला हेतु गाली) को मैं शहर में काम नहीं करने दूंगा.
बेसिक शिक्षा अधिकारी महोदय कही तो कुछ गड़बड़ है
भले ही मामला अधिक तुल नहीं पकड़ा हो मगर मामले में कुछ तो दाल में काला है. या फिर कह सकते है कि पूरी दाल ही काली है. कही मिड डे मिल के नाम पर कुछ काला पीला तो ज़रूर है साहब वरना मामला केवल कारोबार का इस तरह की गुंडागर्दी में नहीं तब्दील हो जाता. खैर जो भी हो मामले की कही न कही से निष्पक्ष जांच की आवश्यकता तो दिखाई देती है. कही यह ठेकेदारी की टशन शहर में कोई बड़ी घटना या दुर्घटना न करवा दे.
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