आज एक शाम फिर आई स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या. आज के शब् जब आधी दुनिया सो रही थी. उस वक्त ब्रिटिश सूरज जो कभी डूबता नहीं था हमारे मुल्क के सच्चाई, आपसी भाईचारे और मुहब्बत के आगे झुका और कभी न डूबने वाले ब्रिटिश सूरज को भारत में डूबना पड़ा. फिर उसके बाद आई आज़ादी. एक नई रोशनी, एक नया सूरज, एक नया प्रकाश लेकर. शायद शायर शायर शैलेन्द्र ने अपने कलाम जो मुकेश ने 1960 में राजकपूर के ऊपर फिल्माये गए गाने में गया था कि होठो पर सच्चाई रहती है, जहा दिल में सफाई रहती है हम उस देश के वासी है जिस देश में गंगा बहती है. में मुल्क के रहने वाले हर एक शख्स की हकीकत बयान कर दिया था.
इस स्वतंत्रता दिवस पर आप सभी को बधाई देने वालो का ताँता लगा हुआ है. इस बीच हमारे माध्यम से आम भारतीयों को भी कुछ लोगो ने बधाई सन्देश भेजे है आइये मिलते है उनसे.
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