कानिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : पूर्व सांसद अतीक अहमद गैंग समेत अन्य भू-माफिया की अवैध प्लाटिंग पर जल्द ही कार्रवाई होगी। रविवार को आइजी एसटीएफ अमिताभ यश ने कार्रवाई में शिथिलता पर संबंधित अधिकारियों के पेंच कसे। वैसे अधिकारियों ने उन्हें की गई कार्रवाई के बारे में बताया। ऐसे में आइजी ने मौका देखने की बात कही तो अफसर हैरान हो गए, लेकिन इन्कार कैसे करते। इसके बाद उन्होंने अफसरों के साथ धूमनगंज व करेली थाना क्षेत्र में बन रही अवैध कॉलोनियों की हकीकत जानी। सभी पर जल्द से जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए।
लखनऊ से आए स्पेशल टॉस्क फोर्स एसटीएफ के आइजी अमिताभ यश ने पुलिस लाइन सभागार में डीएम सुहास एलवाई, एसएसपी नितिन तिवारी, एडीए वीसी भानु चंद्र गोस्वामी समेत अन्य अधिकारियों के साथ भू-माफिया पर की गई कार्यवाही की समीक्षा की। आइजी का ज्यादा जोर ऐसे माफिया पर रहा, जो अपराधिक गतिविधियों में संलिप्त हैं और दबंगई के बल पर गरीब व सरकारी जमीन पर कब्जा करने का काम कर रहे हैं। इस आधार पर अतीक अहमद गैंग का नाम पहले स्थान पर रहा। शासन से मिली रिपोर्ट के हवाले से आइजी ने नैनी, झूंसी, करेली, कैंट, धूमनगंज, सोरांव समेत अन्य इलाके में सक्रिय भू-माफिया की जानकारी ली। इसके बाद उन पर दर्ज मुकदमों की स्थिति, अवैध प्लाट या निर्माण पर की गई कार्रवाई समेत अन्य बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। आइजी ने रेरा के नियमों के विरुद्ध और ग्रीन जोन में हो रहे निर्माण पर एडीए व प्रशासन के अफसरों पर नाराजगी जताई।
करेली पहुंचकर खोल दी पोल
भू-माफिया और अपराधियों के बारे में होमवर्क करके आए आइजी एसटीएफ ने अचानक भौगोलिक निरीक्षण का फैसला लिया। इसके बाद करेली पहुंचकर कार्रवाई का दावा करने वाले अफसरों की पोल खोल दी। यहां अतीक अहमद गैंग की ओर से एलीना सिटी फेज वन, एलीना सिटी फेज टू के लिए प्लाटिंग हो रही थी। जबकि बख्शी खुर्द दांदूपुर में अहमद सिटी, रावतपुर लखनपुर में साई बिहार योजना के तहत और सैदपुर में अशाद सिटी के नाम पर प्लाटिंग काटी गई। कुछ लोग निर्माण भी कर रहे थे। मौके पर पहुंचे अधिकारी उस वक्त दंग रह गए जब इस क्षेत्र में बाकायदा डामर रोड बना दी गई और लाइट के लिए खंभे भी लगा दिए गए हैं। निरीक्षण के दौरान एसपी सिटी बृजेश श्रीवास्तव, एसटीएफ सीओ नावेंदु सिंह व सीओ सिविल लाइंस श्रीशचंद्र भी मौजूद रहे।
किसके कहने पर मुकदमे में लगी एफआर
समीक्षा बैठक के दौरान आइजी एसटीएफ ने जब सवाल किया कि भू-माफिया के खिलाफ दर्ज मुकदमे में किसके कहने पर एफआर यानी फाइनल रिपोर्ट लगी है तो अधिकारी बगले झांकने लगे। हालांकि उन्हें बताया गया कि एडीए और राजस्व विभाग ने जो मुकदमे अवैध प्लाटिंग के दर्ज कराए थे, उस मुकदमे में दोनों ही विभागों की रिपोर्ट के आधार पर फाइनल रिपोर्ट लगाई गई, लेकिन विवेचना समाप्त नहीं हुई है।
प्लाट लेने वालों में खलबली
जिस शासन और स्थानीय प्रशासन के अफसरों ने समीक्षा करने के बाद अवैध ढंग से की जा रही प्लाटिंग को देखने पहुंते, उससे वहां प्लाट लेने वालो की नींद उड़ गई है। अब लोगों की निगाह प्रशासन के अफसरों के अगले कदम की है।
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