आफ़ताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद । केन्द्रीय कारागार नैनी में आजीवन कारावास की सजा काट रहे लगभग तीन सौ वृद्ध कैदियों के लिए खुशी की बात कि गणतन्त्र दिवस पर उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है। प्रदेश की योगी सरकार के निर्देश पर ऐसे कैदियों की सूची तैयार की जा रही है। फिर हाल कुछ कैदी 15 अगस्त तक रिहाई की उमीद लगाए हुए थे।
शासन के निर्देश पर 26 जनवरी को आजीवन कारावास की सजा काट करे बुजुर्ग व 16 वर्ष से अधिक तक जेल में रह चुके कैदियों को रिहा किया जाना है। ऐसे कैदियों की सूची तैयार की जा रही है। इसके लिए चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। गठित टीम कैदियों का रिकार्ड और उनके आचरण को आधार मानकर रिपोर्ट तैयार कर रही है।
सूत्रो की माने तो केन्द्रीय कारागार में लगभग तीन सौ कैदी ऐसे हैं जो 16 वर्ष से अधिक सजा काट चुके हैं। लगातार प्रदेश के सभी जेलों में क्षमता से अधिक बंदियों की संख्या होने पर जेल प्रशासन को कई मुसीबतों का सामना करना पड़ता रहा। साथ ही बंदियों के बीच हताशा व कुंठा की भावनाएं भी पनपने लगी हैं।
जनकारों की माने तो 26 जनवरी को करीब 300 कैदियों के रिहा होने की उम्मीद है। हालाकि नैनी जेल की 2250 कैदियों की रखने की क्षमता है। लेकिन वर्तमान में 4000 हजार से अधिक कैदी है। जिसमें 2020 कैदी विचाराधीन है और 1814 सजायाफ्ता कैदी हैं। जिसमें 8 दिव्यांग कैदी भी है। 108 महिला कैदी जेल में है। लगभग 300 बुजुर्ग कैदी बन्द है।
डीआईजी जेल वी.आर. वर्मा का कहना है कि उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर वृद्ध कैदियों एवं 16 वर्ष सजाकाट रहे कैदियों के आचरण सहित विभिन्न पहलुओं की जांच करने के साथ ही सुची तैयार करने का काम तेजी से किया जा रहा है। उम्मीद है कि 26 जनवरी तक लगभग तीन सौ वुजुर्ग कैदियों को रिहाई हो सकती है।
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