आफ़ताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद । उत्तर मध्य रेलवे के केन्द्रीय अस्पताल परिसर में तीन दिन पूर्व बाहरी युवती के संग मिले चार रेलवे कर्मचारियों के खिलाफ सोमवार को सिविल लाइंस थाने में दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ। रेलवे प्रशासन ने चारो कर्मचारियों सहित पांच लोगो पुलिस को शौप दिया है। लेकिन अबतक युवती का कोई सुराग नहीं लगा पाई है। वहीं दूसरी तरफ रेलवे के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो गया है।
सिविल लाइंस क्षेत्राधिकारी श्रीश्चन्द्र ने बताया कि सोमवार दोपहर रेलवे के केन्द्रीय चिकित्सालय के सीएमएस डाॅ. नीलम श्रीवास्तव और सीएमडी विवेक कपूर की लिखित सूचना पर चार रेलवे के कर्मचारी और एक होमगार्ड के खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। लेकिन जबतक जिसके साथ यह वारदात हुई है वह लड़की नहीं जाती पुलिस दुष्कर्म आरोपी कैसे मान पायेगी। हालांकि उसकी तलाश में वाराणसी सहित सम्भावित स्थानों पर पुलिस टीमें रवाना है।
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी को रविवार की शाम रेलवे प्रशासन ने सूचना दिया कि 8 अगस्त की रात वार्ड ब्याॅय रवि बिंद वाराणसी की रहने वाली एक युवती को लेकर रेलवे के केन्द्रीय अस्पताल सिविल लाइंस परिसर में लेकर आया। जहां उक्त युवती के साथ रविबिन्द, उसका साथी वार्ड ब्याय श्याम बाबू और ड्रेसर मनमोहन लाल, सफाई कर्मचारी सुरेश और एक होमगार्ड नए ओपीडी भवन के पीछे उससे दुष्कर्म किया। अस्पताल की सुरक्षा में होमगार्ड तैनात था। इस घटना के सम्बन्ध में रेलवे अस्पताल के डाॅ. कुंद्रू को शनिवार की रात ड्यूटी पर पता चला। इस सनसनीखेज घटना की सूचना मिलते ही उक्त चिकित्सक ने सीएमएस डाॅ. नीलिमा श्रीवास्तव और सीएमडी विवेक कपूर को सूचना दी। जिसके बाद मामले की रेलवे अधिकारियों ने जांच शुरू कर दिया और चारो आरोपियों से अलग-अलग बयान व पूंछताछ की गई। जिसमें आरोपियों ने वारदात की बात कबूल लिया है। वारदात की पुष्टि होते ही रेलवे प्रशासन ने चारों कर्मचारियों को रविवार की निलंबित कर दिया। इसके बाद होमगार्ड एवं रेलवे के चारों कर्मचारियों को सिविल लाइंस थाने को सौप दिया।
रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी गौरव कृष्ण वंशल कहना है कि 8 अगस्त की रात उक्त चारों कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं थे, उनका अवकाश था। ऐसी स्थित में किसी बाहरी युवती के साथ अस्पताल परिसर में रहस्यमय परिस्थितियों में पाया गया। जांच के दौरान यह साफ जाहिर हो रहा है कि अवकाश के बावजूद वहां क्यों पहुंचे। जिससे चारो कर्मचारियों के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई की गई। दुष्कर्म हुआ है कि नहीं इस सम्बन्ध में जांच करना पुलिस का काम है। रेलवे कर्मचारियों के परिजनों कहना है कि युवती को लेकर आने वाला युवक आरोपी हो सकता है लेकिन अन्य तीनों रेलवे कर्मचारी बेकसूर है। सभी एससी कर्मचारी है, सभी को जानबूझ कर फंसाया जा रहा है। मामले को लेकर अस्पताल के एमडी कार्यालय के बाहर सोमवार की सुबह चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों ने विरोध किया और मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग किया है।
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