Categories: Allahabad

अतीक के नाम कोई बेनामी सम्पत्ति नहीं: मो. उमर

आफ़ताब फ़ारूक़ी

इलाहाबाद। पूर्व सांसद अतीक के नाम एक इंच भी जमीन नहीं है और न ही करेली थाने में दर्ज आठ मुकदमों में उनका नाम है। यह सिर्फ उनकी छवि खराब करने के लिए दुष्प्रचार किया जा रहा है। अवैध प्लाटिंग के नाम पर गरीबों को उजाड़ा जा रहा है यह कहा का न्याय है। उक्त बाते रविवार को पूर्व सांसद के बेटे मो. उमर ने कहा।
मो. उमर का आरोप है कि जिस क्षेत्र में प्लाटिंग उजाड़ी गई है वहां कुछ भाग ग्रीन बेल्ट और अधिकांश भाग क्षेत्रीय किसानों की भूमिधरी है। जिसे किसान अपनी आवश्यकतानुसार टुकड़ो में कमजोर तबके के लोगों को बंेच दिया है। ऐसे लोगों ने अपने भाग की जमीन सुरक्षा के लिए बाउंड्री वाल दीवार बनवा लिए है, कुछ ने चिन्हित करने के लिए पिलर बना दिए थे। कुछ माकान थे जो वगैर नक्शे व परमीशन के बन हुए थे। अधिकतर किसानों के मकान बने हुए थे, जिसे इलाहाबाद विकास प्राधिकरण और प्रशासन ने मिलकर जिस तरह से एक तरफा कार्रवाई किया। जिसके तहत कई गरीबों की गाढ़ी कमाई बर्बाद हो गई।
धवस्तीकरण से पूर्व नगर नियोजन अधिनियम कानून का अनुपालन नहीं किया गया। होना यह चाहिए था कि यदि जो भवन गिराए गए है यदि वह बिना नक्शा पास कराये बने थे तो उसे शमन मानचित्र, शमन शुल्क जमा कराके नक्सा पास किया जा सकता था। एडीए अक्सर ऐसा ही करती है, लेकिन एसा नहीं किया गया और प्रभावित लोगों को अपना पक्ष रखने का कोई मौका नहीं दिया गया, जो अन्याय पूर्ण है।
उमर ने एडीए की कार्रवाई से प्रभावित हुए किसानों, गरीबो और कमजोर लोगों से अपील है कि वे लोग उनसे मिले और उन्हें न्याय दिलाने के लिए पीआईएल दाखिल करूंगा। इसके साथ ही कानूनी लड़ाई लड़ने के साथ ही यूपी सरकार से मुआवजा दिलाने का प्रयास करूंगा।
विकास के लिए सड़क व चैराहा चैड़ा करने के लिए जो ध्वस्ती करण की कार्रवाई शहर व जनपद में चल रही है उसके लिए मै सूबे की सरकार की सराहना करता हूॅं और जनता से सरकार के कार्यो में सहयोग की अपील करता हूॅं।
जमीन खरीदना, अपना मकान बनाना और अपने परिवार के लिए आश्रय बनाना कोई अपराध नहीं है। अपनी आवश्यकता पर किसानों द्वारा अपनी भूमि बेचना भी अवैध नहीं है। इसमें भू-माफिया कहां से आ गया। इस शब्द की व्याख्या सीआर.पी.सी में नहीं है। अतीक की कोई बेनामी सम्पत्ति नहीं है। जानसेनगंज स्थित बंगला मो. अशरफ के नाम रजिस्ट्री है। मामले का वाद सुप्रिमकोर्ट में जारी है। प्रशासन चैड़ी करण के लिए पूरा गिरा सकता है, लेकिन अवैध कब्जे के नाम कार्रवाई उस पर नहीं की जा सकती है।

aftab farooqui

Recent Posts

तिरुपति मंदिर प्रसाद के लड्डू में जानवरों की चर्बी के आरोप पर बोले श्री श्री रविशंकर ‘यह घटना 1857 के विद्रोह जैसी है’

ईदुल अमीन डेस्क: तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होने के…

10 hours ago

ईरान के कोयला खादान में हुवे विस्फोट से 51 की मौत, 24 लापता

निलोफेर बानो डेस्क: पूर्वी ईरान के तबास में एक कोयला खदान में हुए विस्फोट से…

10 hours ago

हिजबुल्लाह के जारी जवाबी हमले के बाद इसराइल ने हायफा के लोगो से किया इकठ्ठा न रहने की अपील

आफताब फारुकी डेस्क: इसराइल ने लेबनान की सीमा से लगे उत्तरी शहर हायफ़ा में लोगों…

11 hours ago