कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के सरकारी अस्पतालों में खोले जा रहे जन औषधि केंद्र शोपीस बनकर रह गए हैं। यही कारण है कि इस केंद्रों पर सन्नाटा पसरा रहता है। मरीजों को आवश्यक दवाएं नहीं मिल पाती। इस स्टोर पर बाजार मूल्य से 70 प्रतिशत की छूट पर दवाएं दिए जाने की व्यवस्था है लेकिन इसका लाभ मरीजों को नहीं मिल पा रहा है।
15 जुलाई को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया जा चुका है। पुरानी बिल्डिंग के पूछताछ काउंटर में ही यह दवा स्टोर खोला गया है। अब यहां आलम यह है कि कई आवश्यक दवाएं यहां उपलब्ध ही नहीं है। टीबी, कैंसर, सर्जिकल, एनेस्थेसिया से संबंधित दवाएं यहां नहीं हैं।
डॉक्टर यदि पांच दवा लिखते हैं तो इसमें एक या दो दवा ही इस जन औषधि केंद्र पर मिल रहे हैं। मरीज को प्राइवेट स्टोरों से दवाएं खरीदनी पड़ रही है। एसआरएन जन औषधि केंद्र के इंचार्ज अनिल मंडल ने बताया कि अभी सभी दवाएं यहां नहीं आ पाई हैं हम लोगों ने दवाओं की मांग की है। जन औषधि केंद्रों पर दवाएं न होने से लोग बाहर के प्राइवेट मेडिकल स्टोर से महंगे दामों से दवाएं खरीदते हैं।
अब मोतीलाल नेहरू मंडलीय अस्पताल (काल्विन) व तेजबहादुर सप्रू अस्पताल (बेली) में भी जन औषधि केंद्र खोले जाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए स्थान भी चिह्नित कर लिया गया है। बेली अस्पताल में प्रवेश गेट के ठीक बगल में परिसर में यह दवा स्टोर खोला जाएगा जबकि काल्विन अस्पताल में परिसर के एक छोर पर खोले जाने की तैयारी है। इस स्टोर मिलने वाली दवाओं पर पहले से ही 70 प्रतिशत डिस्काउंट करके प्रिंट रेट लिखा गया है।
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