कानिष्क गुप्ता
इलाहाबाद। चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपस्थिति, दवाओं की उपलब्धता, मशीनों तथा उपकरणों की सुलभता और विद्यालयों में शिक्षिकों की निरन्तर उपस्थिति, यूनिफार्म एवं पाठ्य पुस्तक के वितरण, सम्पूर्ण समाधान दिवस में शिकायतों के निस्तारण की गुणवत्ता और सड़क पर डीजल तिपहिया वाहनों के संचालन पर रोक का मुद्दा आज गांधी सभागार में मण्डलायुक्त की अध्यक्षता मे आयोजित मण्डलीय समीक्षा में प्रमुख रूप से हावी रहा।
अधिकारियों को दिये गये आकड़ों के ऊपर जाकर मण्डलायुक्त डॉ. आशीष कुमार गोयल ने जनता की शिकायतों से जुड़ी सूचनाओँ को आधार बनाते हुए अस्पतालों मे चिकित्सकों की उपस्थिति और दवाओं की उपलब्धता पर ब्यौरावार समीक्षा की। हर जिले से जानकारी ली और चिकित्सको की उपस्थिति को नियमित करने एवं चिकित्सा उपकरणों के साथ-साथ दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के पेंच भी कसे। मण्डलायुक्त को अवगत कराया गया कि सामान्य तौर पर इस मामलें में पिछले महीनों से कड़ी नजर रखने के परिणाम स्वरूप चिकित्सालयों में चिकित्सकों की उपस्थिति बढ़ी है, लेकिन कुछ चिकित्सक जो अभी तक लम्बे समय से लगातार अनुपस्थित चल रहे है, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए मण्डलायुक्त ने निर्देश दिये है। लम्बे समय से अनुपस्थित चल रहे कौशम्बी के 24, फतेहपुर के 15 तथा प्रतापगढ़ के 07 चिकित्सकों पर आगामी दिनों में लौट न आने की स्थिति में उन्हें सेवा से पृथक किये जाने तक की कार्रवाही प्रस्तावित करने को कहा गया है। कुछ जनपदो में तात्कालिक रूप से कुछ दवाओं की उपलब्धता में कमी दिखाये जाने पर मण्डलायुक्त ने मण्डल के जनपदों से उक्त दवा मंगवाकर व्यवस्था पर नियंत्रण स्थापित करने के निर्देश दिये है।
इसी प्रकार मण्डलायुक्त ने विद्यालयों में शिक्षिकों की उपस्थिति पर भी पिछले दो महीनों से सख्ती का रूख अपना रखा है। इस माह की समीक्षा में इसका परिणाम शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार के रूप मे सामने आया है। यूनिफार्म एवं पाठ्य पुस्तक के वितरण की समीक्षा करते हुए मण्डलायुक्त ने इस माह के मध्य तक कार्य सम्पन्न कर लेने को कहा है। एक प्रकरण में एक शिक्षक द्वारा यूनिफार्म के वितरण में गड़बड़ी किये जाने पर दण्डात्मक कार्रवाही मे ढ़िलाई के लिये मण्डलायुक्त ने इलाहाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी पर चार्ज शीट करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाही के लिए शासन को तत्काल पत्र लिख देने का निर्देश दिया। मण्डलायुक्त ने विद्यालय में शिक्षिकों की उपस्थिति का निरन्तर निरीक्षण करते रहने के लिए हर माह में तीन से चार निरीक्षण सुनिश्चित करने के अपने पूराने निर्देश को पुनः दोहराया। उन्होंने कहा कि विद्यालयो में शिक्षकों की उपस्थिति तथा विद्यालयों के वातावरण को ठीक रखना जमीनी स्तर पर शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने की पहली जरूरत है। इसलिए हर माह निरीक्षण का एक कैलेण्डर बना लिया जाय तथा उसका अनुपालन सुनिश्चित करते हुए आख्या से उन्हें भी अवगत कराया जाता रहे। उन्होंने इस कार्य की जिम्मेदारी मुख्य विकास अधिकारियों को देते हुए कहा कि विद्यालयों में बाउण्ड्री वाल, शौचालय, रनिंग वाटर की व्यवस्था, शिक्षकों की उपस्थिति, यूनिफार्म और पाठ्य पुस्तक के वितरण पर मुख्य विकास अधिकारी कड़ी नजर रखते हुए अपेक्षित परिणाम दे। अब किसी तरह की कमी पाये जाने पर सीधे नियंत्रण अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जायेगी।
सम्पूर्ण समाधान दिवस और जन शिकायतों के निस्तारण की समस्या पर मण्डलायुक्त ने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि प्राप्त होने वाली शिकायतों तथा उन पर होने वाली कार्रवाहियाँ सुसंगत ढंग से सुनिश्चित करायी जाय और की गयी कार्रवाही से शिकायतकर्ता को भी अवगत कराया जाय। केवल औपचारिक खाना पूर्ति न की जाय। उन्होंने कहा कि शिकायतों पर कार्रवाही की आख्या वे स्वयं शिकायत से लेकर कार्रवाही तक की पढ़ते है तथा इसी के अनुसार सभी जिलाधिकारी अपने अधीनस्थों की निस्तारण प्रक्रिया का पर्यवेक्षण करे। मण्डलायुक्त ने अवैध खनन के मामलो में सभी जिलाधिकारियों से कहा कि खास तौर पर सजग होकर तथा तेज कार्यवाही करे और नियमित रूप से उन्हें अवगत कराते रहें।
परिवहन विभाग की समीक्षा मे मण्डलायुक्त ने डीजल चलित टैम्पों वाहनों के संचालन रोकने के सम्बन्ध में परिवहन विभाग के अधिकारी को कड़ाई बरतने के निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि पूरी तरह से डीजल टैम्पों वाहन का संचालन बन्द किया जाय। इस कार्रवाही में किसी प्रकार की ढ़िलाई बर्दाश्त नही की जायेगी। उन्होंने बिना नम्बर के अवैध ई रिक्शा संचालन पर भी रोक लगाने के कड़े निर्देश दिये है।
राजस्व वसूली के मामलों में विभिन्न विभागों में वसूली की कमी तथा आर.सी. न जारी किये जाने पर मण्डलायुक्त ने कड़ा रोष जताया तथा आबकारी विभाग के उपायुक्त को सचेत भी किया। मण्डलायुक्त ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भी सचेत करे।
खाद्य एवं रसद की समीक्षा में मण्डलायुक्त ने दुकानों का निलम्बन एक माह से अधिक न रखते हुए उस पर नियमानुसार कार्रवाही करने तथा दुकाने बन्द न रखने की व्यवस्था बनाये रखने का निर्देश दिया है।
मार्गो का अनुश्रवण और सड़को के गड्ढा मुक्त किये के मामलो में मण्डलायुक्त ने कड़ाई के साथ असंतोष जाहिर करते हुए सम्बन्धित को निर्देश दिया कि इस सम्बन्ध में तत्काल सुधार की कार्रवाही की जाय।
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