कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : पीसीएस-2011 में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद शुरू हुई जांच में अहम सुराग मिलने पर सीबीआई ने अपना शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) इस परीक्षा की कॉपियां नष्ट कर चुका है। सीबीआई ने अब आयोग से पूछा है कि परीक्षा की कॉपियां किस नियम के तहत और किसके आदेश पर नष्ट की गईं। सीबीआई को शिकायत मिली थी कि पीसीएस-2011 में स्केलिंग की आड़ में नंबरों से जमकर छेड़छाड़ की गई। स्केलिंग के नाम 87 अंक पाने वाले एक अभ्यर्थी के अंक बढ़ाकर 122 कर दिए गए तो 87 अंक पाने वाले दूसरे अभ्यर्थी के अंक घटाकर 67 कर दिए गए।
सीबीआई को ऐसी कई शिकायतें मिलीं। इसके अलावा यह भी शिकायत मिली कि इंटरव्यू के दौरान जाति विशेष के अभ्यर्थियों को अतिरिक्त नंबर दिए गए और इसी आधार पर उनका चयन हो गया। सूत्रों का कहना है कि इन शिकायतों के आधार सीबीआई ने आयोग से कई दस्तोवज जब्त किए और उनकी जांच पड़ताल की। जांच में सीबीआई को गड़बड़ी से संबंधित कई अहम सुराग मिले हैं। इसी परीक्षा के दौरान आयोग ने त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था भी लागू की थी लेकिन बाद में जबर्दस्त विरोध के कारण त्रिस्तरीय आरक्षण व्यवस्था को लागू नहीं किया जा सका।
परीक्षा से संबंधित विवाद न्यायालय तक गया था। इसके बावजूद आयोग ने परीक्षा की कॉपियों को नष्ट करा दिया। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने आयोग से पूछा है कि किस नियम और किसके के तहत पीसीएस-2011 की कॉपियों को नष्ट किया गया? यह भी पूछा है कि जिन परीक्षाओं से जुड़े मामले न्यायालय में लंबित होते हैं, उन परीक्षा की कॉपियों को नष्ट किए जाने का नियम है या नहीं् आयोग को यह भी बताना है कि कॉपियां नष्ट करने का ठेका किसे दिया गया? उसने किस तरह से कॉपियां नष्ट कीं? उन्हें जलाया, फाड़ा या रद्दी में बेच दिया? सीबीआई की ओर से पूर्व में शासन को भी एक पत्र भेजकर जानकारी मांगी गई है कि पीसीएस-2011 में चयनित अफसरों की तैनाती वर्तमान में कहां-कहां है और वे किन पदों पर तैनात हैं।
पीसीएस-2011, पीसीएस-2015 एवं आयोग की अन्य भर्ती परीक्षाओं को लेकर सीबीआई ने दिल्ली स्थित मुख्यालय में शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए हैं। मुख्य शिकायतकर्ता रहे प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय भी दो दिन पहले दिल्ली गए थे और उन्होंने वहां सीबीआई मुख्यालय में एडिशनल एसपी चंद्रदीप के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया और परीक्षाओं में धांधली से जुड़े साक्ष्य भी सीबीआई को सौंपे। इसके अलावा अन्य शिकायतकर्ताओं को भी बयान दर्ज करने के लिए सीबीआई ने दिल्ली बुलाया है। उनसे भी परीक्षाओं में धांधली से संबंधित साक्ष्य लिए जा रहे हैं।
यूपीपीएससी की परीक्षाओं में धांधली की जांच कर रही सीबीआई की टीम जल्द एक और एफआईआर दर्ज कर सकती है। पीसीएस-2015 में गड़बड़ी के साक्ष्य मिलने के बाद सीबीआई की ओर से आयोग के अज्ञात अफसरों और कुछ बाहरी अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है। इस बार पीसीएस-2011 के मामले में सीबीआई एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रही है।
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