आफ़ताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। थरवई थाने की पुलिस ने रविवार की रात हेतापट्टी गांव से सोमवार की भोर बहमलपुर गांव से भाई की हत्या करने बाद से फरार आरोपी राजेन्द्र को गिरफ्तार किया। उसने गिरफ्तारी के बाद जो राजखोला कि अबतक एक ही चाकू से भाई सहित पांच लोगों को मौत के घाट उतार चुका है।
उक्त खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने सोमवार की शाम बताया कि पकड़ा गया आरोपी राजेन्द्र पुत्र फूलचन्द्र निवासी बहमलपुर थाना थरवई का है। वह अबतक सात बार जेल जा चुका है।
उसने अपने भाई सुरेन्द्र की हत्या 23 अगस्त को चाकू मारकर हत्या कर दी और उसके बाद से फरार हो गया। जिसके बाद से पुलिस लगातार तलाश कर रही थी। पुलिस वारदात के दिन चाकू बरामद कर लिया था।
उक्त आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधीक्षक गंगापार सुनील कुमार सिंह के नेतृत्व में क्षेत्राधिकारी फूलपुर एवं थरवई थाना प्रभारी राज किशोर और उनके हमराही बलवंत यादव, अरविंद कुमार सिंह, रामाश्रय सिंह, अनूप कुमार, सैय्यद जियाउल, रोहित सिंह गौर, श्रीनाथ यादव लगे हुए थे। रविवार की शाम मुखबिर से सूचना मिली कि राजेन्द्र हेतापट्टी गांव में छुपा है। सूचना पर सोमवार की सुबह पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे और उसे गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी ने पूंछताछ के दौरान ऐसा राज खोला कि सुनने वालों के रोंगटे खड़े हो गये। उसने बताया कि बरामद की गई चाकू से मैंने पांच लोगों को अबतक मौत के घाट उतार चुका हॅू। मै और मेरे दो साथी मिथुन पटेल पुत्र शिवकुमार व दूसरा साथी सुनील यादव पुत्र रामसुंदर निवासी चाकिया थरवई हम लोग नसे के आदी है। हम लोग स्मैक, गाजा, शराब पीने के आदि है। इस लिये हम लोगों के घरो मे चोरी करते है। जिस घर मे बुजुर्ग रहते है। उसी घर को हम लोग निशाना बनाते थे।
पहली घटना तीनों ने मिलकर 3 जुलाई को सहजीपुर थरवई गांव मे विजय बहादुर के घर पर चोरी करने गये जहां चोरी मे सफल नही हो पाये तो विजय बहादुर 55 वर्ष और उसकी पत्नी उषा देवी 45 वर्ष की हत्या चाकू से गला रेत कर व चाकू से गोद कर किया था।
दूसरी हत्या 25 जुलाई को हार्टमनगंज निवासी गोमती देवी और उसकी बहू सोना देवी की हत्या तीनों साथियों ने मिलकर हत्या की थी। हम लोगों को पता था कि गोमती देवी ने बीस लाख रूपये की जमीन बेची है। जिससे उसके घर भी चोरी की नियत से गये। क्यों कि हम लोगों को पता था कि पैसा अभी घर मे ही है। इस लिये चोरी के नियत से मै और मेरे दो साथी मिथुन पटेल और दूसरा साथी सुनील यादव 25 जुलाई के गोमती देवी के घर पर पहुंचे। तो देखा कि गोमती देवी और उसकी बाहू सोना देवी घर के बरान्दे मे सो रही है। जब हम लोगों ने दरवाजे की कुंडी का ताला तोड़ने लगे तो गोमती देवी आहट सुन कर जाग गई तब हम तीनों ने उसी चाकू से गला रेत कर गोमती देवी 80 वर्ष और बाहू सोनो देवी 45 वर्ष की गोद कर हत्या कर दिया। दरवाजे की कुंडी का ताला तोड़कर अन्दर रखा बक्से का ताला जब तोड़ा तो उसमे मात्र तेरह सौ रूपये थे और बीस लाख रूपये नही थे। शायद गोमती देवी ने बीस लाख रूपये बैंक मे जमा कर दिये थे। हम लोगो ने गोमती देवी के घर से तेरह सौ रूपये और गोमती देवी के पैर मे पहना हुआ गोड़हरा और हाथ मे कगंन चोरी कर भाग गये थे ।
पकड़ा गया आरोपी भाई की हत्या से दस दिन पूर्व रेलवे का लोहा चोरी मामले में जमानत पर रिहा होकर आया था।
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