आफ़ताब फ़ारूक़ी
इलाहाबाद। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों पर सामान्य व्यक्तियों द्वारा कारित की जाने वाली विभिन्न प्रकार की घटनाओं पर राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली आर्थिक सहायता सम्बन्धी जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के संशोधन नियम 2016 के आधार पर निर्गत शासनादेश में किया गया है।
उक्त बातें मंगलवार को सरकिट हाउस में बृज लाल, उ.प्र अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने बताया कि सूचना मिलने पर यदि तुरन्त कार्यवाही की जाये तो गम्भीर मामले होने से बचा जा सकता है। अध्यक्ष ने अपने कार्यों को साझा करते हुए पुलिस अधिकारियों को अपना अनुभव बताया और कहा कि सबसे ज्यादा मामले पुलिस से सम्बन्धित होते हैं, उसके बाद राजस्व के।
उन्होंने पुलिस अधिकारियों को बताया कि समाज कल्याण विभाग से सम्पर्क करके यदि त्वरित कार्यवाही की जाये, तो गम्भीर मामले नहीं होने पायेंगे। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी, अपर जिलाधिकारी प्रशासन वी.एस दूबे, पुलिस अधीक्षक गंगा पार सुनील सिंह, मुख्य चिकित्साधिकारी जी.एस वाजपेयी, समाज कल्याण अधिकारी तथा उप निदेशक पिछड़ा कल्याण सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
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