कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : इलाहाबाद में बाढ़ का खतरा कम जरूर हुआ है, पर टला नहीं। गुरुवार को यमुना का जलस्तर तो घटने लगा, पर गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। सिंचाई बाढ़ प्रखंड के अधिकारी आने वाले दिनों में यमुना फिर रफ्तार पकड़ सकती हैं।
गुरुवार की सुबह दोनों नदियों के जलस्तर में एक सेमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ोतरी हो रही थी लेकिन दोपहर में यमुना का जलस्तर घटने लगा। देर शाम यमुना के जलस्तर में 14 सेमी की कमी दर्ज की गई हालांकि गंगा के जलस्तर में सात सेमी की बढ़ोतरी हुई। इलाहाबाद में खतरे का निशान 84.73 मीटर है। गुरुवार को फाफामऊ में गंगा का जलस्तर सात सेमी बढ़ा है। यहां 80.02 मीटर जलस्तर रहा। जबकि नैनी में यमुना का जलस्तर 78.62 मीटर रहा। यहां का जलस्तर 14 सेमी कम हुआ है। छतनाग में बुधवार की अपेक्षा सात सेमी की कमी दर्ज हुई। यहां 78.10 मीटर जलस्तर रहा।
अधिशासी अभियंता सिंचाई विभाग बाढ़ खंड मनोज सिंह ने बताया कि बारिश में कमी होने के चलते जलस्तर में गिरावट आ रही है। हां, अगर बारिश फिर शुरू हुई तो फिर यमुना भी रफ्तार पकड़ कसती हैं।
प्रशासन ने रखी है नजर
गंगा व यमुना के जलस्तर को लेकर प्रशासन चौकन्ना है। जलस्तर में गिरावट आने के बावजूद सतर्कता बनी है। कछारी इलाके करैलाबाग, ककहरा घाट, सलोरी, बेली गांव, चांदपुर सलोरी, राजापुर, गंगापुर, महेवा के अलावा दारागंज व छोटा बघाड़ा के लोगों को कभी भी मकान खाली करने का संदेश दिया जा सकता है। इन मुहल्लों के पास पानी के पहुंचते ही घर खाली करा लिया जाएगा।
बाढ़ चौकियां दुरुस्त
गंगा-यमुना के जलस्तर को देखते हुए बाढ़ चौकियों को दुरुस्त करने के साथ निचले इलाकों में रह रहे लोगों को बाहर निकालने की तैयारी चल रही है। अगर दो-तीन मीटर जलस्तर और बढ़ा तो लोगों को बाहर निकालने का सिलसिला शुरू कर दिया जाएगा।
जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने कहा है कि गंगा-यमुना के जलस्तर पर हमारी पूरी नजर है। पानी आबादी वाले क्षेत्र में पहुंचने से पहले लोगों को हटाने की कवायद शुरू कर दी जाएगी। किसी को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए प्रशासन की पूरी तैयारी है।
जलस्तर
84.73 मीटर-खतरे का निशान
80.02 मीटर-फाफामऊ में गंगा का जलस्तर
78.62 मीटर-नैनी में यमुना का जलस्तर
78.10 मीटर-छतनाग में जलस्तर
गंगा, यमुना के घाट पर पुलिस व पीएसी तैनात
गंगा और यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी का सिलसिला भले ही गुरुवार शाम थम गया है लेकिन बहाव तेज होने के कारण खतरा बरकरार है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए गंगा व यमुना के घाट पर पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई है। जल पुलिस के जवान और गोताखोर भी श्रद्धालुओं पर लगातार नजर रख रहे हैं। राम घाट के तरफ जाने वाले स्नानार्थियों के वाहनों पर रोक लगा दी गई है। पुलिस बस, कार व दूसरे तरह के वाहन को बांध के आसपास ही खड़ा करवा रही है। वहीं, तटीय इलाके में रहने वाले लोगों को हिदायत दी गई है।
जल स्तर में बढ़ोतरी होने से संगम नोज, राम घाट, दशाश्वमेघ घाट, किला घाट, अरैल व दूसरे घाटों पर रहने वाले घाटियों को काफी परेशानी हुई। संगम नोज पर जल पुलिस ने बैरीकेडिंग करवाई है, ताकि स्नानार्थियों को दिक्कत न हो। प्रभारी जल पुलिस कड़ेदीन यादव ने बताया कि यमुना का जलस्तर अब बढ़ नहीं रहा है जबकि गंगा बहाव तेज है। इससे गंगा के घाटों पर कटान का खतरा बढ़ गया है। अरैल घाट पर फ्लड पीएसी तैनात की गई है। संगम, राम घाट और दूसरे घाट पर जल पुलिस व दारागंज थाने की पुलिस मुस्तैद है। नाव पर प्रशिक्षित जवान और गोताखोरों को तैनात किया गया है।
उधर, शहर के राजापुर, रसूलाबाद, शिवकुटी, दारागंज, कीडगंज, बलुआघाट, अतरसुइया इलाके में भी जलस्तर के प्रभाव से लोग चिंतित हैं। छोटा, बघाड़ा, सलोरी समेत कई मुहल्लों में छात्र अधिक संख्या में रहते हैं और स्नान के लिए जाते हैं। ऐसे में उन्हें खासतौर पर हिदायत दी जा रही है। फाफामऊ, छतनाग, झूंसी, मवैया इलाके में भी मछुआरों, मल्लाहों और किसानों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। एसएसपी नितिन तिवारी का कहना है कि गंगा और यमुना के तटीय इलाके में बसे लोगों की सुरक्षा को लेकर संबंधित थाना प्रभारियों आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
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