यशपाल सिंह
दीवानी न्यायालय आजमगढ़ में गुरुवार को मड़ई में आग लगा देने के बीस साल पुराने मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने तीन आरोपियों को तीन-तीन वर्ष के कारावास तथा प्रत्येक को दो-दो हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई। यह फैसला अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट नंबर बारह अवधेश कुमार ¨सह ने गुरुवार को सुनाया। मामला जीयनपुर थाना क्षेत्र के रामपुर गांव का है।
पीड़ित इंद्रजीत पुत्र सहदेव को आवास के लिए पट्टे की जमीन मिली थी। इस जमीन पर इंद्रजीत ने अपने मड़ई डाल रखी थी। जिसे गांव के कुछ लोग हटाना चाहते थे। इसी रंजिश के कारण 07 अगस्त 1997 की रात ग्यारह बजे विश्वनाथ पुत्र सहजाद, सुरेश पुत्र जगदीश, रामअधार तथा लल्लन पुत्रगण सर्वजीत ने इंद्रजीत की मंडई में आग लगा दी। इस मामले में सहायक अभियोजन अधिकारी अरुण कुमार शर्मा ने पीड़ित इंद्रजीत और सुभाष को बतौर गवाह कोर्ट में पेश किया। दौरान मुकदमा आरोपी विश्वनाथ की मृत्यु हो गई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी सुरेश, राम आधार व लल्लन को तीन तीन वर्ष के कारावास तथा दो-दो हजार रुपये जुर्माने की सजा
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