आदिल अहमद
म्यांमार के बारे में संयुक्त राष्ट्र संघ के जांच दल के सदस्यों ने घोषणा की है कि, इस देश के राख़ीन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों की स्थिति, मानवा त्रासदी में परिवर्तित हो गई है।
प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र संघ के जांच दल के सदस्यों ने जेनेवा में एक पत्रकार वार्ता के दौरान अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश किया। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि म्यांमार के राख़ीन प्रांत में जो रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार हुए हैं उसका उदाहरण देखने को कम ही मिलेगा। संयुक्त राष्ट्र संघ के जांच दल ने कहा कि हमारी टीम के साथ म्यांमार सरकार ने किसी भी तरह का कोई सहयोग नहीं किया। साथ ही इस जांच दल ने एक रहस्योद्घाटन भी किया है जिसमें बताया गया है कि, म्यांमार सरकार द्वारा इस देश के पिछले कई दशकों से बनाई जाने वाली नीतियों में रोहिंग्या मुसलमानों को पूरी तरह से अनदेखा किया गया था, जो आज म्यांमार की स्थिति उसके लिए इस देश की म्यांमार सरकार की ग़लत नीतियां ही मुख्य ज़िम्मेदार है।
म्यांमार के मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ के जांच दल के प्रमुख मरज़ूक़ी दारूसमैन ने अपने एक बयान में कहा कि, म्यांमार की सेना ने रोहिंग्या मुसमलानों का नरसंहार किया है। उन्होंने कहा कि यह केवल इस देश की सेना की बनाई हुई योजना नहीं थी बल्कि रोहिंग्या मुसलमानों को जनसंहार में इस देश की सरकार की भी भूमिका रही है।
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