कानपुर. वैसे तो कानपुर का चमनगंज मनबढ़ लोगो के लिये बदनाम रहा है. सूत्रों के अनुसार इसी क्षेत्र का संरक्षण पाकर पूर्व के कई पुलिस के लिये सरदर्द बने अपराधी फले फुले. इस बीच शानू लफ्फाज़ का नाम अचानक सुर्खियों में आना शुरू हुआ. इस दबंग का पारिवारिक इतिहास भी अपराध की दुनिया से होकर आता है. यही नहीं अपना दबदबा बनाये रखने के लिए अक्सर घटनाओ को अंजाम देता रहता है.पीड़ित का आरोप है कि इसी कड़ी में इसको रंगदारी न देकर फ़्लैट छोड़ कर जा रहे परिवार से यह इतना नाराज़ हुआ कि इसने पहले तो उनके सामानों की तोड़फोड़ किया और इससे भी मन नही भरा तो परिवार के लोगो से मारपीट कर उनको लहू लुहान कर दिया.
घटना के सम्बन्ध में प्राप्त जानकारी के अनुसार शानू लफ्फाज़ नाम से मशहूर एक दुर्दांत क्षेत्र में दहशत की वजह बना हुआ है. इसने इलाके में रह रही एक फॅमिली से इसने रंगदारी मांगी. आरोपों के अनुसार इसको रंगदारी नहीं देकर पीड़ित परिजनों ने मकान छोड़ देना बेहतर समझा और आज वह अपना मकान छोड़ कर कही अन्यंत्र शिफ्ट हो रहे थे इसी दौरान शानू लफ्फाज़ को यह बात पता चल गई और उसके बाद मौके पर आये इस दबंग और इसके दो भाइयों ने पहले तो सामानों की तोड़फोड़ किया उसके बाद भी मन नहीं भरा तो अपनी दहशत कायम रखने के लिए परिजनों से मारपीट कर उनको लहुलुहान कर दिया. सुचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस ने पीडितो से तहरीर प्राप्त कर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दिया है. लफ्फाज़ पुलिस के आने की भनक मिलते ही फरार हो गया है.
कौन है शानू लफ्फाज़.
शानू लफ्फाज़ क्षेत्र का एक मनबढ़ युवक है. बहुत कम उम्र में ही अपराध जगत में अपना नाम रोशन करने के चक्कर में आज से लगभग दो वर्ष पहले इसने आज की घटना वाली जगह बीच रोड पर ही फुरकान नामक युवक की हत्या कर दिया था. उसके बाद यह पुलिस के हत्थे चढ़ा और फिर अपराध जगत में लगातार बड़े बड़े कदम बढाते जा रहा है. ज़मानत पर बाहर आने के बाद से लेकर अब तक यह कई वारदात कर चूका है.
अपराध जगत से होकर गुज़रा है बचपन.
शानू लफ्फाज़ का बचपन ही अपराध के संरक्षण में गुज़रा है इसका एक भाई गुफरान उर्फ़ पोपे और ज़मीर जैसे अपराध जगत में अपना स्थान रखने वाले इसके सगे भाई है, सूत्रों की माने तो ये दोनों भी क्षेत्र के शातिरो में से जाने जाते है. इनके खिलाफ भी अपराध पंजीकृत है. अपराध जगत से जुड़े शानू को इनका संरक्षण होने से शानू की हिम्मत बढती गयी. इसके बाद यह क्षेत्र में आतंक का पर्याय बनकर उभरने लगा.
सफेदपोशो और कुछ कथित पत्रकारों का प्राप्त है संरक्षण
शानू लफ्फाज़ मनबढ़ से कुख्यात होने के सारे रास्ते जानता था और वह उसी पर चलने लगा. क्षेत्रीय चर्चोओ की माने तो शानू लफ्फाज़ को क्षेत्र के कुछ सफेदपोशो और शहर के कुछ पत्रकारों का संरक्षण भी प्राप्त है. क्षेत्रीय चर्चाओ के अनुसार ये सफेदपोश अपने कामो और पत्रकार खुद के निजी अर्थ लाभ के लिये इसको संरक्षण दे रखे है जिससे इसके कृत कार्यो पर अक्सर पर्दा पड़ जाता है.
शफी उस्मानी डेस्क: हिंदल वली गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइंनुद्दीन चिश्ती रहमतुल्लाह अलैही के उर्स मुबारक…
ईदुल अमीन डेस्क: उत्तर प्रदेश के कन्नौज रेलवे स्टेशन के पास शनिवार को निर्माणाधीन इमारत…
मो0 कुमेल डेस्क: केरल के पथानामथिट्टा ज़िले में एक 18 साल की दलित-एथलीट युवती द्वारा…
तारिक खान डेस्क: नगीना से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कुम्भ मेले को लेकर सरकार पर…
आफताब फारुकी डेस्क: असम के दीमा हसाओ ज़िले की एक खदान में फंसे मज़दूरों को…
सबा अंसारी डेस्क: इंडिया गठबंधन के घटक दल शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत…