तारिक आज़मी.
कानपुर। हलीम कालेज में घोटालो का जैसे भण्डार मिलता जा रहा है. कुछ चहितो के लिए सभी सुविधाये उपलब्ध होती है मगर गरीब बच्चो जिनके नाम पर यहाँ का प्रबंधतंत्र आज भी रोटियां खा रहा है उसके हिस्से उनका खुद का अधिकार नहीं आता है. हालत ऐसे हो चुके है कि गरीब बच्चो को गर्मी में पसीने से नहाना पड़ रहा है मगर हसीब बाबू के चहिते लोगो के लिए कटिया कनेक्शन उपलब्ध होता है. अगर लाइट नहीं आ रही है तो कुछ विशेष कमरों में जनरेटर कनेक्शन उपलब्ध करवा कर काम चलाया जाता है. मगर गरीब बच्चो का कोई पुरसाहाल नहीं है.
मामला हलीम कालेज के मैनेजमेंट का है. इसी कालेज के प्रबंधतंत्र द्वारा जुबली गर्ल्स कालेज में मनमर्जी का क्रम जारी है. जुबली कालेज में विद्युत बकाया कुल ३६ लाख हो जाने पर केसा ने कड़ा कदम उठाया और जुबली कालेज की बिजली काट दिया और मीटर उखाड़ के लेते गये, बच्चो को गर्मी में तड़पता देख कर शिक्षिकाओं का एक प्रतिनिधि मंडल तत्कालीन जिलाधिकारी से मिला और मदद की गुहार लगाया। जिलाधिकारी ने उक्त प्रकरण में केसा को निर्देशित करते हुवे एक लाख प्रतिमाह की किश्त बनवाकर जमा करने और बिजली कनेक्शन बहाल करने हेतु निर्देशित किया. इस निर्देशन से कालेज की शिक्षिकायें भी खुश हो गई की चलो एक साथ पूरा बोझ भी नहीं रहेगा तथा संस्था के ऊपर चढ़ा क़र्ज़ भी खत्म हो जायेगा और बच्चो को गर्मी से निजात मिल जायेगी।
मगर साहब उनकी खुशिया चंद लम्हे की ही रही होगी। सूत्रों की माने तो जिलाधिकारी से वार्ता कर लौटी शिक्षिकाओं ने ख़ुशी ख़ुशी जाकर यह बात हसीब को बताया तो हसीब हत्थे से उखड गया और शिक्षिकाओं को ही फटकार कर धर दिया। तत्कालीन प्रधानाचार्य की माने तो हसीब का कहना था कि बच्चे गर्मी में मरते है तो मरने दो. इनके घर वालो ने मुझको चुनाव में कौन सा वोट दे दिया था जो मैं इन लोगो के लिए सोचु। एक लाख महीना देना बहुत दूर रहा मैं एक रुपया केसा को नहीं देने वाला हु और केसा मेरा कुछ नहीं कर सकता है. कटिया कनेक्शन से टीचरों के रूम में बिजली उपयोग लाओ और बच्चो को ऐसे ही पड़े रहने दो. तत्कालीन प्राचार्या की माने तो हसीब ने सख्त निर्देश देते हुवे कहा की जेनेरेटर का कनेक्शन सिर्फ टीचर रूम में रहेगा और लाइट नहीं रहने पर जेनेरेटर से काम चला लो.
खैर, मामला तो ये आरोप और प्रत्यारोप का हो सकता है मगर इसमें एक बात तो पक्की है कि केसा का जुबली कालेज पर बड़ा बकाया है और आज तक वह बकाया नहीं अदा किया गया है.इसी प्रकरण में केसा ने बिजली कनेक्शन काट दिया है. अब अगर हसीब कहते है कि बिजली गरीब बच्चो को भी मिल रही है तो फिर यह बात साफ़ है कि उस शिक्षण संस्था में बिजली कटिया कनेक्शन के द्वारा चलाया जा रहा है. यही नहीं अगर हसीब द्वारा यह कहा जाता है कि विद्युत आपूर्ति हेतु जेनेरेटर का उपयोग किया जा रहा है तो यह भी गले के नीचे उतरने वाली बात नहीं होगी क्योकि अगर संस्था इतनी आर्थिक रूप से सुदृण है तो फिर इतना बड़ा बकाया क्या एक रात में खड़ा हो गया है.
जो भी हो मगर एक बात साफ़ है कुछ तो है हलीम कालेज के मैनेजमेंट में जिसका राज़ रखा जा रहा है अन्यथा यदि हसीब मुफ्त में समाज सेवा कर रहे है तो इतने घोटालो का आरोप लगने के बाद इस्तीफा देकर निष्पक्ष जाँच मामले की क्यों नहीं करवा लेते है ? मगर नहीं साहब हसीब तो प्रेस कांफ्रेस करके कहते है कि फलनवा शिक्षिका का चक्कर ढिमकाने अधिकारी से था. ऐसा लग रहा था की हसीब खुद चरित्र प्रमाणपत्र बाट रहे है और लोग लाइन लगा कर ले रहे है. इसी प्रेस कांफ्रेंस में हसीब ये भी तो कर सकते थे कि अपने खुद के रेप आरोपी भतीजे को जो लोगो को चाय नाश्ते का इंतज़ाम देख रहा था को पुलिस के हवाले कर देते। हसीब बाबू दूसरे को चरित्र प्रमाणपत्र देने के पहले खुद के अंदर भी झाँक लेना चाहिये शायद दूसरे के बजाये खुद के पास ज़्यादा ऐब दिखाई दे जाए.
अगली कड़ी में हम बतायेगे कि कौन है हसीब और कितने मुक़दमे में अभियुक्त है हसीब। जान कर आप भी कहेगे कि जो हसीब से टकरायेगा वह पक्का गोली खायेगा।
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