रविकात
कालपी (जालौन). बुन्देलखण्ड मे सावन माह के रक्षा बन्धन के अगले दिन कजरी मेला का बहुत महत्व है रक्षा बन्धन के आठ दिन पहले महिलायें अपने घरों मे मिट्टी के सकोरा खप्पर मे जौ बोती है और रक्षा बन्धन के अगले दिन उन्हे नदी पोखर य तालाब मे विसर्जित करती है. आल्हा ऊदल के जमाने से चली आ रही इस प्रथा को आज भी क्षेत्र के गॉवों मे बहुत महत्व दिया जाता है.
आज उक्त अवसर पर यमुना किनारे पीला घाट स्थित मन्दिर श्री नरसिंह टीला पर भारी भीड रही जहॉ पर रीम सिंह सलौनिया पूर्व सभासद कल्लू शुक्ला मुन्ना सिंह पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका कमर अहमद पप्पन गुप्ता कल्लू कक्का आदि ने उपस्थित होकर मेले की व्यवस्थायें देखी.
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