अंजनी राय
नई दिल्ली. सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण के मामले में चल रही बहस सुप्रीम कोर्ट में गरुवार को पूरी हो गई और संवैधानिक पीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मामले पर लंबे समय से बहस चल रही थी और इसको लेकर कोर्ट ने भी सवाल किए थे जिस पर वकीलों ने अपने अपने पक्ष रख मामले की पार्दशिता को कायम करने का प्रयास किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 24 अगस्त को प्रमोशन में आरक्षण की याचिका पर बहस के दौरान पूछा था कि क्या चीफ सेक्रेटरी के परिवार को भी आरक्षण का फायदा मिलना चाहिए। कोर्ट ने कहा था कि क्या एेसे परिवारों को भी प्रमोशन में रिजर्वेशन मिलना चाहिए, जो आर्थिक रूप से संपन्न हों। सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली बेंच इस मामले पर सुनवाई कर रही है कि क्या क्रीमी लेयर के सिद्धांत को एससी-एसटी के लिए लागू किया जाना चाहिए, जो फिलहाल ओबीसी श्रेणी के लिए लागू है।
23 अगस्त को सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था, मान लिया जाए कि एक जाति पिछले 50 साल से पिछड़ी है, लेकिन उसका एक वर्ग क्रीमीलेयर में आ चुका है, तो ऐसी स्थिति में क्या किया जाए। कोर्ट ने कहा कि आरक्षण उन लोगों के लिए है जो सामाजिक रूप से पिछड़े और असक्षम हैं। ऐसे में इस मामले पर विचार करना बेहद जरूरी है। इससे पहले सुनवाई में केंद्र सरकार ने कहा था कि 2006 के नागराज जजमेंट के चलते एससी-एसटी के लिए प्रोमोशन में आरक्षण रुक गया है।
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