कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संघटक महाविद्यालय आर्यकन्या डिग्री कॉलेज में बीकॉम में प्रवेश का मामला गरमा गया है। छात्राओं ने सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन, हंगामा करने के बाद न्याय के लिए मंगलवार को कुलपति कार्यालय का दरवाजा खटखटाया है। देर शाम तक छात्राएं कुलपति कार्यालय पर डटी रहीं और न्याय की मांग की। कुलपति को संबोधित ज्ञापन भी सौंपा।
आर्यकन्या डिग्री कॉलेज में कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू की ओर से केवल 60 सीटों पर ही प्रवेश के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन प्रवेश 115 सीटों पर दे दिया गया। ऐसे में अब मेरिट सूची में 60 सीटों के बाद की छात्राओं के भविष्य पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
प्राचार्य डॉ. रमा सिंह कहती हैं कि इसमें मेरा कोई दोष नहीं है। कुलपति का साफ आदेश था कि केवल 60 सीटों पर ही बीकॉम में प्रवेश लिया जाए। ऐसे में बाकी 55 छात्राओं का डिमांड ड्राफ्ट वापस करने के अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं था। छात्राओं का क्या दोष है जिनसे डिमांड ड्राफ्ट जमा करा लिया गया इस पर वह कहती हैं कि उनका भी कोई दोष नहीं है, पर मजबूरी है। उधर, विश्वविद्यालय की छात्र नेता नेहा यादव के नेतृत्व में छात्राएं देर शाम तक कुलपति कार्यालय पर धरने पर बैठी रहीं। नेहा यादव का कहना है कि छात्राओं को प्रवेश नहीं देना था तो उनसे डिमांड ड्राफ्ट क्यों जमा कराया गया। अब जबकि सभी जगह प्रवेश बंद हो चुका है, ऐसे में उनका साल बर्बाद होगा। इसका जिम्मेदार कौन होगा, विश्वविद्यालय प्रशासन को इस मुद्दे पर ठोस निर्णय लेना ही होगा। यदि इस पर सकारात्मक कदम न उठाया गया तो यह आंदोलन बड़ा रूप लेगा। इस दौरान नयन जायसवाल, यामिनी धुरिया, प्रिया सिंह, स्वाति केशरी, सविता केसरवानी, कृष्णा पांडेय, यशी गुप्ता, सोनी खातून, शगुन सिंह व दीक्षा आदि मौजूद रहीं।
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