सरताज खान
गाजियाबाद। लोनी मंडोला आवास-विकास योजना से प्रभावित किसानों के आमरण अनशन को 11 दिन बीत चुके है। जिनका स्वास्थ्य लगातार गिरता ही जा रहा है। जिन्होंने अपने अधिकारियों के लिए हंसते-हंसते प्राण न्योछावर कर देने की बात कही है।
उल्लेखनीय है कि आवास-विकास परिषद की मंडोला विहार योजना से प्रभावित किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले 15 अगस्त के दिन से आमरण अनशन कर रहे हैं। जहा अनशन कारियों का स्वास्थ्य भी खराब होता जा रहा है और उनका वजन भी दिन प्रति दिन घटता ही जा रहा है। जिंदगी और मोत के बीच जूझ रहे अनशनकारियों का कहना है कि हम निर्दयी सरकार का ह्रदय परिवर्तन कर पीड़ित किसानों को उनका अधिकार दिलाने के लिए हँसते हँसते अपने प्राणों की आहुति भी दे देंगे। किसानों की परवाह किसी भी राजनीतिक दल को नही है। सत्ताधारी तो सत्ता के नशे में चूर हैं तथा अन्य पार्टियों के नेता सड़को पर चप्पल चटकाते घूम रहे हैं लेकिन किसानों की सुध लेने का किसी के पास समय नही है। जो चुनाव के समय गांव-गांव, गली-गली किसानों के तलवे चाटने के लिए आ जाएंगे।
देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर शहीदों ने कभी यह कल्पना भी नही की होगी कि हमारे देश मे लोकतंत्र स्थापित होने के बाद देश गरीब, किसान, मजदूर इस कदर अपनी समस्याओं को लेकर अकेले ही जूझते रहेंगे, कोई उनका साथ नही देगा। हालांकि धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठे किसानों को आज अनेक संभ्रांत नागरिकों ने फूल माला पहनाते हुए उनकी हौसला अफजाई की।
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