यशपाल सिंह आज़मगढ़
आत्महत्या के लिए उकसाने के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने पति, सास-ससुर व ननद को छह-छह वर्ष की कठोर कारावास तथा पांच हजार प्रत्येक को अर्थदंड की सजा सुनाया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर-दो असद अहमद हाशमी ने शनिवार को सुनाया।
अभियोजन के अनुसार रामसुख पुत्र गुल्लू राजभर निवासी ग्राम खजुरी थाना मेंहनगर ने अपनी पुत्री कुसुम की शादी योगेंद्र पुत्र इंद्रजीत निवासी अहिरौली थाना देवगांव के साथ आठ मई 1991 को की थी। कुसुम शादी के बाद विदा होकर अपने ससुराल नहीं गई। शादी के करीब पांच वर्ष बाद जब कुसुम का गौना हुआ तब वह ससुराल विदा होकर गई। ससुराल जाने के बाद कुसुम का पति योगेंद्र, सास गणेशा देवी, ससुर इंद्रजीत तथा ननद पूनम उसे दहेज में रंगीन टीवी तथा मोटरसाइकिल की मांग को लेकर आये दिन प्रताड़ित करने लगे। यह सारी बात कुसुम ने अपने पिता को तब बताया जब उसके पिता घटना के कुछ दिन पूर्व खिचड़ी लेकर उसके ससुराल गये
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