कनिष्क गुप्ता
इलाहाबाद : करबला के शहीदों की याद में मनाए जाने वाले मोहर्रम का चांद मंगलवार को नजर आ गया। चांद दिखते ही गमे हुसैन का सिलसिला शुरू हो गया। बुधवार को मोहर्रम की पहली तारीख मानी जाएगी। शिया समुदाय के यहां मातम, मजलिस, नौहाख्वानी होने लगी तो शहर के सभी इमामबाड़ों पर फूल चढ़ाकर फातेहा कराई गई। शिया हजरात के घरों में सोमवार रात ही महिलाओं ने चूड़ियां तोड़ काले लिबास पहन लिए थे। अब शहर में अलम, मेंहदी, ताजिया उठने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। रानीमंडी और दरियाबाद में आग और जंजीर का मातम होगा।
यूं तो 29 के चांद की तैयारी करते हुए रानीमंडी और दरियाबाद आदि इलाकों से शिया समुदाय ने इस्तकबाल-ए-अजा जुलूस निकाला था। मंगलवार को तीस का चांद माना गया। चांद दिखते ही या अली या हुसैन की सदाएं गूंजने लगीं। बड़ा ताजिया, बुड्ढा ताजिया, मासूम अली असगर का झूला, समेत इमामबाड़ों पर फूल चढ़ाए गए। तमाम अंजुमनों ने नौहा पढ़ करबला की शहादत को याद किया। घरों में मातम, मजलिस कर तबरुख बांटे गए। चांद दिखते ही लंगर का सिलसिला शुरू हो गया। मुस्लिम इलाकों रानीमंडी, दरियाबाद, करेली, अटाला, रोशनबाग, शाहगंज, मिन्हाजपुर, बहादुरगंज, चकिया, कसारी मसारी, नूरुल्ला रोड, अकबरपुर, नखासकोहना, सब्जीमंडी, चौक, सेवई मंडी, बक्शी बाजार आदि इलाकों में गमे हुसैन मनाया जाने लगा। बुड्ढा ताजिया, अली असगर का झूला समेत सभी मुहल्लों की मेंहदी, जुलूस और ताजिया उठाने का एलान पहले ही हो चुका है। बड़ा ताजिया उठाने को लेकर फिलहाल फैसला नहीं किया गया गया है। बड़ा ताजिया के मुतवल्ली रेहान खां और झूला कमेटी के गुलाम रसूल के मुताबिक, इमामबाड़ों पर जायरीनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रशासन को बिजली, पानी के इंतजाम के साथ सड़क दुरुस्त करानी चाहिए।
पिछले तीन सालों से दशहरा और मोहर्रम की तारीखें एक साथ पड़ रही थीं। ऐसे में मोहर्रम कमेटी के लोग फैसला लेते रहे कि एक साथ दशहरा मेले के दौरान ताजिया निकलना संभव नहीं। इसलिए तीन सालों से ताजिया, मेंहदी नहीं उठाई जा रही थी। इस बार दशहरा और मोहर्रम की तारीखों में फर्क है, ऐसे में तमाम कमेटियों ने मेंहदी, ताजिया उठाने का फैसला लिया है।
सभी थानों में मीटिंग, एसएसपी ने दी हिदायत :
मोहर्रम के मद्देनजर मंगलवार को शहर और देहात के सभी थानों में पीस कमेटी की मीटिंग कराई गई। एसएसपी नितिन तिवारी ने सभी थानों को निर्देश दिया है कि मोहर्रम के जुलूसों के दौरान सुरक्षा इंतजाम पुख्ता किए जाएं। साथ ही इमामबाड़ों के आसपास फोर्स की तैनाती कराई गई है। एसएसपी ने अफसरों को निर्देश दिया है कि ताजिया निकलने के दौरान वह क्षेत्र में मौजूद रहें और जुलूस के साथ चलें।
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