अंजनी राय
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के खिलाफ लगी याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि फिलहाल कार्यकर्ताओं को हाउस अरेस्ट पर रखने का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। इस मामले में अगली सुनवाई 19 सितंबर को होगी।
सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने इस मामले में कोर्ट के दखल पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, “नक्सल एक गंभीर समस्या है और इस तरह की याचिकाओं को सुना जाएगा तो एक खतरनाक प्रिंसिपल सेट हो जाएगा। क्या संबंधित अदालत इस तरह एक मामलों को नहीं देख सकचती? हर मामले को सुप्रीम कोर्ट में क्यों?”
सरकार की इस दलील पर मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा, “हम लिबर्टी के आधार पर इस मामले को सुन रहे हैं। स्वतंत्र जांच जैसे मुद्दों पर बाद में चर्चा होगी।” उन्होंने कहा, “हम सिर्फ यह देखना चाहते थे कि कहीं यह मामला कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर या आर्टिकल 32 से जुड़ा हुआ तो नहीं है?”
इस मामले में याचिकाकर्ताओं की तरफ से अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्होंने सीधे सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है क्योंकि वे इस मामले में कोर्ट के मार्गदर्शन में जांय या सीबीआई या फिर एनआईए जांच चाहते हैं।
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