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ईरान के विदेश मंत्री को लेकर ट्रम्प और जान कैरी में जोरदार भिड़त ईरान ने हुरमुज स्ट्रैट बन्द करने की धमकी क्यों दोहराई

आदिल अहमद

 

अमरीका के पूर्व विदेश मंत्री जान कैरी डोनल्ड ट्रम्प प्रशासन और उसकी नीतियों को घटिया समझते हैं और यह बात वह छिपाना भी नहीं चाहते चाहे वह ईरान के परमाणु समझौते से बाहर निकलने की ट्रम्प की नीति हो या पेरिस जलवायु समझौते से बाहर निकलने का फ़ैसला हो।

जान कैरी खुलकर अपना विरोध दर्ज कराते हैं, यही कारण है कि ट्रम्प प्रशासन अपनी पूरी ताक़त से जान कैरी पर टूट पड़ा है।

ट्रम्प को सबसे अधिक पीड़ा इस बात से हुई कि जान कैरी ने बताया कि ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ से हालिया महीनों में उनकी चार मुलाक़ातें हो चुकी हैं। इस पर डोनल्ड ट्रम्प और उनके विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने अपनी नाराज़गी जताई। ट्रम्प ने ट्वीटर हैंडल संभाल लिया और ट्वीट करते हुए कहा कि यह मुलाक़ातें ग़ैर क़ानूनी थीं और इनका उद्देश्य अमरीकी सरकार की नीतियों को नुक़सान पहुंचाना था क्योंकि जान कैरी ने ईरानी अधिकारियों से कहा कि वह परमाणु समझौते के मामले में ट्रम्प प्रशासन का कार्यकाल समाप्त होने तक प्रतीक्षा करें।

ट्रम्प के कंज़रवेटिव साथी तो इससे भी आगे निकल गए उन्होंने जान कैरी पर विश्वासघात का आरोप  लगाया और उन्हें जेल भेजने की मांग की। पोम्पियो ने कहा कि जान कैरी एसी सरकार से बात कर रहे हैं जो आतंकवाद का समर्थन करती है। पोम्पियो यह भूल गए कि ट्रम्प ख़ुद कह चुके हैं कि दाइश की स्थापना ओबामा प्रशासन ने की थी।

जान कैरी को ट्रम्प प्रशासन की ओर से किए जा रहे तेज़ हमलों से कोई डर नहीं लगा उन्होंने फिर बयान दिया कि राष्ट्रपति ट्रम्प देश की जनता से झूठ बोलते हैं और पैरिस समझौते सहित अनेक मामलों में वह जनता को गुमराह कर रहे हैं। कैरी ने कहा कि ट्रम्प की बुद्धि आठ साल के बच्चे जैसी और उनकी घबराहट किसी किशोरी के समान है। जान कैरी ने कहा कि हमारा राष्ट्रपति झूठा है। जान कैरी ने कहा कि ईरान के परमाणु समझौते से बाहर निकल कर ट्रम्प ने अमरीका के पूरे इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति की ओर से की जाने वाली सबसे बड़ी ग़लती अंजाम दी है।

जान कैरी ने ईरान के विदेश मंत्री जवाद ज़रीफ़ से मुलाक़ात करके किसी क़ानून का उल्लंघन नहीं किया है विशेषकर इसलिए भी कि उन्होंने मुलाक़ात में जो भी बातें हुईं उनसे देश के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो को अवगत करा दिया था। यह तो अमरीका का वर्तमान घृणित और देश की जनता के बीच अलग थलग पड़ चुका प्रशासन है जो नए नए विवाद खड़े कर रहा है जिसके नतीजे में अमरीका आर्थिक, राजनैतिक और शायद सामरिक टकराव की ओर बढ़ रहा है और यह टकराव उसे तबाह करके रख देगा।

जान कैरी ने कई यूरोपीय देशों के विदेश मंत्रियों से भी मुलाक़ातें कीं इनमें उन देशों के विदेश मंत्री भी शामिल थे जिन पर ट्रम्प ने प्रहार किए हैं और आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं। ट्रम्प को इन मुलाक़ातों में कोई ख़राबी नज़र नहीं आई केवल जवाद ज़रीफ़ से कैरी की मुलाक़ात से उन्हें परेशानी हो गई क्योंकि ईरान वास्तव में इस्राईल के लिए गंभीर ख़तरा है और अमरीका की वर्तमान सरकार दुनिया के देशों से संबंधों के मामले में इस्राईली डिक्टेशन पर अमल कर रही है।

अमरीका के राष्ट्रपतियों और विदेश मंत्रियों ने पद छोड़ देने के बाद भी अन्य देशों के साथ अमरीका के विवादों को हल करने में अनेक अवसरों पर भूमिका निभाई है और इस मिशन में वह कामयाब भी हुए हैं। इस संदर्भ में पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर की सफलताओं की ओर इशारा करना काफ़ी होगा।

ट्रम्प अमरीका को वैश्विक टकराव और शायद विश्व युद्ध की ओर खींच रहे हैं सीरिया के इदलिब इलाक़े में भी और ईरान के मामले में भी। जब विदेश मंत्री ज़रीफ़ जर्मन पत्रिका दि स्पेगल से अपनी बातचीत में यदि अमरीका ने ईरान के तेल निर्यात को बंद किया तो हुरमुज़ स्ट्रेट बंद करने से भी आगे जाकर ईरान और बड़ी कार्यवाही करेगा और इसमें यूरेनियम को उच्च ग्रेड तक संवर्धित करना भी शामिल है तो इस धमकी को पूरी गंभीरता से लेना चाहिए।

इसमें कोई शक नहीं कि अमरीका इतिहास की एक बड़ी शक्ति है और सामरिक शक्ति की दृष्टि से उसका ईरान से कोई मुक़ाबला नहीं है लेकिन ईरान एक शक्तिशाली स्ट्रैटेजिक क्षेत्रीय गठजोड़ का ध्रुवीय भाग है। अर्थात वह सद्दाम हुसैन के ज़माने के इराक़ की तरह अकेला नहीं है कि अमरीका कुछ अरब देशों की मदद से उसका परिवेष्टन करने में कामयाब हो जाए। आने वाले नवम्बर महीने में यदि अमरीका ने ईरान का तेल निर्यात बंद किया तो इस बात की पूरी आशंका है कि युद्ध की आग भड़क उठे और ईरान यदि इस प्रकार के शत्रुतापूर्ण क़दम के जवाब में कोई कार्यवही करता है तो यह उसका अधिकार होगा।

ईरान के विदेश मंत्री से जान कैरी की यह मुलाक़ातें शायद ख़तरे को टालने में प्रभावी हों इसलिए इन मुलाक़ातों का समर्थन करना चाहिए, कैरी पर विश्वासघात का आरोप नहीं लगाना चाहिए। मगर हम यहां ग़ैर अमरीकी सरकार की बात कर रहे है और यह इस्राईली सरकार है जो वाइट हाउस को अपने शत्रुतापूर्ण लक्ष्यों के लिए इस्तेमाल कर रही है। जान कैरी ने यह बात नहीं कही है लेकिन जब उनकी सहन शक्ति जवाब दे जाएगी तो शायद किसी दिन इस सच्चाई को भी वह बयान कर दें।

aftab farooqui

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