फारुख हुसैन
लखीमपुर खीरी. “बाबू जी अब कैसे होगा बिटिया का ब्याह” यह शब्द कहीं न कहीं आपको जरूर कचोटते होगें और आपके दिल में भी एक दर्द की सदीद लहर भी उठगी और आप निश्चय ही कहीं न कहीं से इस करूण विलाप करती हुई एक मां और एक पत्नी के आसुओं की ओर आप जरूर ध्यान देगें ।परंतु आखिर उन पत्थर दिलों को उसकी करूण पूकार क्यों नहीं सुनाई देती और वो क्यूं पत्थर दिल बन गये।
दरअसल यह पूरा मामला लखीमपुर खीरी के थाना भीरा क्षेत्र के ग्राम जंगल न0 7 का है जहां पर एक किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई। जानकारी के अनुसार म्रतक रविंदर कुमार की चार एकड़ जमीन व घर शारदा नदी में कट गया और वही 3 जवान पोतियों की शादी भी करनी थी वही परिजनों ने बताया कि बैंक का भी काफी कर्ज था। जिसका सदमा वो बर्दाश्त न कर सके और बीती रात उनकी मौत हो गई ।मृतक के पुत्र ने बताया कि हमारे पिता को कोई भी बीमारी नही थी केवल हर समय एक ही चिंता सता रही थी की अब बैंक का कर्ज व पोतियों की शादी कैसे होगी। इसी सदमे में उनकी मौत हो गयी।मौके पर पहुँची पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पी एम के लिए जिला मुख्यालय भेज दिया है। परंतु अब सवाल यह उठता है कि उनकी मदद कौन करेगा और उसके परिवार का क्या होगा ।
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