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मऊ – जाने डीएम ने क्या दिये जिला स्वास्थ समिति को बैठक में निर्देश

संजय ठाकुर

मऊ : जिला स्वास्थ्य समिति के शासी निकाय की बैठक जिलाधिकारी प्रकाश बिन्दु की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। जिला महिला चिकित्सा द्वारा बैठक का एजेन्डा पढ़ कर सुनाया गया। जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि संस्थान प्रसव हेतु जननी सुरक्षा योजना के अन्तर्गत जिन विकास खण्डों में आशाओं द्वारा प्रसव नहीं करवाया जा रहा है, उन्हें नोटिस भेजकर बर्खास्त करने के निर्देश मुख्य चिकित्साधिकारी को दिये गये।

पी0एम0एम0वी0वाई0 के एक वर्ष पूर्ण होने होने के उपलक्ष्य में मातृ वन्दना सप्ताह दिनांक 01 सितम्बर से 07 सितम्बर,2018 तक मनाया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत मुख्य रूप से गर्भवती महिलाओं को उचित आराम एवं पोषण की व्यवस्था, नियमित प्रसव की देखभाल, संस्थागत प्रसव, शिशु का टीकाकरण किया जाना है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत वित्तीय  वर्ष 2018-19 में राष्ट्रीय अन्धता निवारण कार्यक्रम द्वारा संचालित मोतियाबिन्द आपरेशन में प्रयुक्त होने वाले आवश्यक औषधी एवं सर्जिकल आइट्म्स एवं वरिष्ठ नागरिकों जिनकी उम्र लगभग 45 वर्ष हो के दृष्टिदोष से ग्रसित मरीजों को निःशुल्क चश्मा का वितरण किया जायेगा। टीकाकरण के अन्तर्गत जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिये गये कि जिन विकास खण्ड एवं ग्राम सभाओं के अन्तर्गत टीकाकरण की प्रगति खराब है उन ए0एन0एम0 के खिलाफ विभागीय कार्यवाही तथा गांवों मंे चैपाल लगाकर महिलाओं को टीकाकरण के लिए तथा परिवार नियोजन योजना के अन्तर्गत भी महिला एवं पुरूष को जागरूक करें। जिलाधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी है।

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना उन गर्भवती महिलाओं के लिए है जो पहली बार अपने किसी बच्चे को जन्म देती है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए बनाई गयी है। इस योजना के अन्तर्गत गर्भवती महिलाओं को 5000 रूपये का योगदान राशि दी जाती है। यह राशि लाभार्थी को किस्तों में दी जाती है। इस योजना के तहत पहली किस्त गर्भवती महिला के पंजीकरण उपरानत 1000 रूपये के रूप में दी जाती है। दूसरी किस्त गर्भवती महिला के सरकारी अस्पताल में अपनी तीन ए0एन0सी0 करने के उपरान्त खाते में 2000 रूपये के रूप में दी जाती है।

तीसरी किस्त महिला को तब दी जाती है जव वह संस्थागत प्रसव के उपरान्त वह अपने बच्चे का पंजीकृत कराने के बाद प्रथम चरण का टीकाकरण बी0सी0जी0, ओ0पी0वी0, डी0पी0टी0 और एच0ई0पी0-बी0 जैसे टीके लगवा लेंगी तब लभार्थी के खाते में 2000 रूपये के रूप मंे दिये जाते हैं। संस्थागत प्रसव पर लाभार्थी को जे0एव0वाई0 योजना के अन्तर्गत शहरी 1000 व ग्रामीण लाभार्थी के खाते में 1400 रूपये के रूप में दिये जायेगें। जिलाधिकारी ने सी0एम0एस0 को निर्देश दिये कि जिला चिकित्सालय एवं सभी विकास खण्डों में स्थापित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को साफ-सफाई रखने के लिए डाक्टारों की भी जिम्मेदारी होनी चाहिए।

उक्त अवसर पर मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

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