सिद्धार्थ शर्मा
मेरठ : योगी सरकार भले ही कुछ कहती रहे और प्रदेश के पुलिस मुखिया ओ पी सिंह भले ही जितनी नैतिकता का पाठ अपने विभाग को पढ़ा ले मगर हकीकत ज़मीनी स्तर पर कुछ और ही है. उत्तर प्रदेश के मेरठ पुलिस का एक विडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसको देखने के बाद तो यही अहसास होता है कि ये पुलिस कर्मी नहीं बल्कि सांप्रदायिक सोच के कुंठित मानसिकता के धनी आम सड़क के लोग हो.
इस मामले में पीड़िता ने एक खबरिया चैनल आजतक से बातचीत में यूपी पुलिस पर कई गंभीर इल्जाम लगाए हैं. पीड़िता ने बताया कि वह अपने दोस्त के साथ पढ़ने के लिए उसके घर पर गई थी, जहां हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर तांडव मचाया. इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस हम दोनों को अपने साथ ले गई।
पुलिसवालो ने लड़के के खिलाफ रेप का झूठा केस करने का दबाव बनाया :-
पीड़िता ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उन पर पुलिसकर्मियों ने इस बात के लिए दबाव बनाया कि वह लड़के के खिलाफ शिकायत दर्ज कराए. पीड़िता ने कहा, ‘जब मुझे थाने ले जाया गया तो वहां पुलिसवालों ने मुझ पर लड़के के खिलाफ केस दर्ज कराने के लिए कहा. मैंने उनसे कहा कि हमारे बीच कोई गलत संबंध नहीं हैं, इसलिए मैं ऐसा नहीं कर सकती. इसके बाद पुलिसवालों ने कहा कि हम तुम्हें कुछ नहीं कहेंगे, बस तुम लड़के के खिलाफ केस करा दो, क्योंकि वह मुस्लिम है. लड़की ने बताया कि जब मेरे घरवाले वहां पहुंचे तो पुलिस ने उनसे भी मेरे दोस्त के खिलाफ केस करने के लिए कहा. लेकिन मेरे घरवालों ने भी इनकार कर दिया. लड़की ने बताया कि उनके पास आर्य समाज की कोई महिला भी आई थी, जिसने कहा कि तुम हिंदू हो और लड़का मुसलमान है, तुम उससे कैसे शादी करोगी.
पीड़िता ने ये भी बताया कि वह जब अपने दोस्त के घर पर थी, तब वहां शुरुआत में 12-16 लोग आए थे, लेकिन बाद में जब पुलिस आई, तब वहां बड़ी संख्या में लोग आ गए. लड़की और उसकी मां ने आजतक के शो ‘हल्लाबोल’ में बताया कि थाने में भी बड़ी संख्या में हिंदू संगठन के कार्यकर्ता मौजूद थे और वे उन पर दबाव बना रहे थे।
अब आई पुलिस हरकत में
इस मामले में अब पुलिस ने एक्शन लिया है और भीड़ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने 18 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया है, जबकि 20-25 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है। वहीं, एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने पुलिस वालों की इस हरकत को घोर कृत्य करार दिया है. उन्होंने बताया कि पुलिस वालों ने न सिर्फ मारपीट की है बल्कि खुद ही वीडियो बनाकर वायरल भी किया है. उन्होंने बताया कि चारों सिपाहियों को को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और इनके खिलाफ कानूनी और विभागीय कार्रवाई की जा रही है। ये निलंबित सभी पुलिस कर्मी वायरल वीडियो में दिखाई दे रहे है जिनके नाम हेड कांस्टेबल सलेख चंद, कांस्टेबल नीतू और महिला कांस्टेबल प्रियंका सिंह थे. जबकि एक होमगार्ड का जवान भी गाड़ी में मौजूद था, जिसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है।
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