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पेपर लीक होने से नलकूप चालक भर्ती परीक्षा रद, STF ने 11 को किया गिरफ्तार

कनिष्क गुप्ता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में नलकूप चालक के 3210 पदों के लिए आज होने वाली परीक्षा कल देर रात निरस्त होने के बाद अभ्यर्थी काफी नाराज हैं। लखनऊ पहुंचे अभ्यर्थियों ने चारबाग में प्रदर्शन किया। नलकूप चालक भर्ती पेपर लीक मामले में पांच मुन्ना भाई समेत 11 लोगों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने पेपर लीक गैंग पर शिकंजा कसा है। इस गैंग का सरगना अमरोहा में सरकारी शिक्षक है।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के नलकूप चालक भर्ती परीक्षा के रद करने से अभ्यर्थी काफी नाराज हैं। कानपुर में कल रात रेलवे स्टेशन पर इन सभी ने जमकर प्रदर्शन किया। आज लखनऊ के चारबाग स्टेशन के बाहर परीक्षा निरस्त से होने से नाराज नलकूप चालक की परीक्षा देने आए अभ्यर्थियों सड़क पर जमकर प्रदर्शन किया।

सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने के साथ ही इन सभी ने आयोग के खिलाफ भी अपना गुस्सा निकाला। इनकी नाराजगी को देखते हुए चारबाग में सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। उधर कल रात कानपुर में परीक्षा देने के लिए देर रात सेंट्रल स्टेशन पहुंचे अभ्यर्थियों को जैसे ही मालूम पड़ा कि परीक्षा स्थगित हो गई है, उन्होंने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। ट्यूबवेल ऑपरेटर पेपर लीक मामला में यूपी स्पेशल टास्क फोर्स ने दस लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही मोबाइल फोन्स, दस्तावेज और 15 लाख रुपये भी जब्त किये हैं।एक को बागपत से हिरासत में लिया गया है।

उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने कल रात मेरठ में पेपर लीक होने के बाद नलकूप चालक भर्ती परीक्षा को रद कर दिया है। एसटीएफ ने पेपर लीक करने के मामले में मेरठ से दस लोगों को हिरासत में लिया है। इन लोगों पर पेपर को लीक करने का आरोप है। पेपर आउट होने का सूचना मिलते ही आयोग में खलबली मच गई। इसके बाद आनन फानन परीक्षा को निरस्त करने का फैसला किया।

आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि इस परीक्षा की दूसरी तारीख बाद में घोषित की जाएगी। आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने बताया कि परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। इसकी जांच करायी जा रही है कि पेपर कैसे आउट हुआ। इस जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाये जाएंगे। इस परीक्षा के पेपर शनिवार शाम से ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे थे। इसके बाद इनकी जांच की गई तो पता चला कि यह वही पर्चा है जो रविवार को आना था। इसके बाद परीक्षा निरस्त करने का फैसला लिया गया।

नलकूप चालक परीक्षा 3210 पदों के लिए प्रदेश के आठ जिलों में आयोजित होनी थी। इसके लिए दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। आयोग ने परीक्षा संपन्न कराने की पूरी तैयारी कर ली थी। आगरा में 37 केंद्र (17731 परीक्षार्थी), बरेली में 22 केंद्र (10908 परीक्षार्थी), इलाहाबाद में 26 केंद्र (12636 परीक्षार्थी), गोरखपुर में 22 केंद्र (12272 परीक्षार्थी), कानपुर नगर में 64 केंद्र (31530 परीक्षार्थी), वाराणसी में 69 केंद्र (42349 परीक्षार्थी), लखनऊ में 120 केंद्र (60743 परीक्षार्थी) और मेरठ में 34 केंद्र (17207 परीक्षार्थी) केंद्र बनाए गए थे।

लखनऊ, मेरठ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर व बरेली में पर्यवेक्षक भी भेजे जा चुके थे। प्रदेश में नलकूप चालक भर्ती परीक्षा का विज्ञापन 2016 में जारी हुआ था। पहले इसमें स्क्रीनिंग परीक्षा के बाद साक्षात्कार के जरिये चयन होना था। भाजपा सरकार आने के बाद इसकी प्रक्रिया रोक दी गई थी। बाद में आयोग ने सिर्फ लिखित परीक्षा के आधार पर ही चयन का फैसला किया।

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